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दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए मिलने लगी जमीन

गाजियाबाद नगर निगम ने नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) को रैपिड रेल के पहले चरण के निर्माण के लिए 97 हजार 574 वर्ग मीटर जमीन पर सहमति दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Apr 2018 11:23 AM (IST)Updated: Wed, 11 Apr 2018 11:23 AM (IST)
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए मिलने लगी जमीन
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए मिलने लगी जमीन

मेरठ (दीपक भारद्वाज)। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर की निर्माण प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली है। 24 अप्रैल से स्टेशनों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं गाजियाबाद नगर निगम ने नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) को रैपिड रेल के पहले चरण के निर्माण के लिए 97 हजार 574 वर्ग मीटर जमीन पर सहमति दे दी है।

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मेरठ कमिश्नरी में पिछले सप्ताह हुई एनसीआरटीसी अधिकारियों और कमिश्नर की बैठक में साहिबाबाद से दुहाई तक पहले चरण में जुलाई से कार्य शुरू करने पर मुहर लग गई थी। इससे पहले जमीन फाइनल कर मिट्टी की जांच पूरी की जानी है। इसके बाद रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए पिलर खोदने का कार्य शुरू होगा। दो भागों में मिली जमीन

एनसीआरटीसी को दी गई जमीन हिस्सों में है। स्थायी तौर पर 15 हजार 470 वर्ग मीटर जबकि अस्थायी तौर पर 82 हजार 104 वर्ग मीटर जमीन दी गई है। निर्माण के समय जनता को परेशानी न हो, अस्थायी जमीन को इसलिए दिया गया है। इससे ही ग्रीन बेल्ट बनाई जाएगी जबकि स्थायी जमीन पर कॉरिडोर में शामिल स्टेशनों का निर्माण होगा। निर्माण खत्म होने के बाद अस्थायी जमीन को गाजियाबाद नगर निगम को सौंप दिया जाएगा। यार्ड की तैयारी में एनसीआरटीसी

एनसीआरटीसी ने यार्ड की जमीन के लिए आवास विकास परिषद गाजियाबाद को पत्र लिखा है। वसुंधरा सेक्टर- 8 में निर्माण शुरू करने से पहले यार्ड के लिए जमीन की मांग की है। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर रूट में पहले चरण में सात स्टेशन हैं। इनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर उत्तर, और मोदीनगर दक्षिण शामिल हैं। रैपिड रेल परियोजना पर एक नजर

92.6 किलोमीटर का होगा रूट

73.40 किलोमीटर का रूट एलिवेटिड होगा

19.2 किलोमीटर रूट जमीन के नीचे से जाएगा, जिस पर पांच स्टेशन होंगे।

160 किमी प्रतिघंटा रेल की अधिकतम स्पीड, न्यूनतम स्पीड 100 होगी

32000 करोड़ की लागत आएगी इस प्रोजेक्ट पर

40 प्रतिशत ंशदान करेगी उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार। 60 प्रतिशत का ऋण होगा।

2024 तक निर्माण हो पाएगा पूरा

2018 ुलाई से पहले टेंडर और विभिन्न विभागों से एनओसी की प्रक्रिया। दुहाई और मोदीपुरम की तैयारी तेज

इस कॉरिडोर में गाजियाबाद में दुहाई और मेरठ में मोदीपुरम में रैपिड रेल के डिपो का निर्माण किया जाना है। इसके लिए भी अगले महीने एनसीआरटीसी अधिकारी मोदीपुरम और दुहाई का निरीक्षण करेंगे। यहां भी जमीन की तलाश के लिए तैयारी तेज कर दी गई हैं।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआरटीसी सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि गाजियाबाद ने जमीन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मेरठ को भी जल्द जमीन देने के लिए तैयार रहना है ताकि निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके।


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