मुजफ्फरनगर में क्रांति सेना अध्यक्ष ललित का कोर्ट में सरेंडर, राज्यमंत्री कपिल देव व विधायक उमेश मलिक हुए थे नामजद
मुजफ्फरनगर में तोड़फोड़ तथा बलवा के मामले में नामजद क्रांति सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा ने गुरुवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट के आदेश पर उनको न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। बाद में जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। 18 वर्ष पूर्व सैनिक बोर्ड में हुई तोड़फोड़ तथा बलवा के मामले में नामजद क्रांति सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा ने गुरुवार को विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट के आदेश पर उनको न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। बाद में जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया।
यह है मामला
थाना सिविल लाइन के दारोगा इंद्रजीत ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 23 जुलाई 2003 को सोल्जर्स बोर्ड में देवराज पंवार की पुत्री निकिता की तेरहवीं थी। इस दौरान निकिता का दहेज उत्पीडऩ करने के मामले में आरोपित अविनाश तथा प्रेम कुमार भी वहां पहुंच गए थे। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया था। आरोप था कि इस दौरान मौजूदा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के साथ वहां पहुंचे विधायक उमेश मलिक, क्रांति सेना के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा, सतीश सहित 100-150 अज्ञात लोगों ने मौके पर हंगामा करते हुए आरोपितों की कार तथा अन्य सामान में तोडफ़ोड़ की थी। जिसके उपरांत विभिन्न धाराओं में उक्त के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। लंबे समय तक कोर्ट में पेश न होने पर ललित मोहन शर्मा सहित कई अन्य के गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने उक्त सहित अन्य मामलों में विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर वारंट रिकाल करा लिए थे। गुरुवार को क्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उनको हिरासत में लिया गया। जिसके उपरांत बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से दिए गए जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के जज गोपाल उपाध्याय ने 20 हजार रुपये की जमानत धनराशि पर उन्हें रिहा करने का आदेश जारी कर दिया।