Delta Plus Variant: कोरोना वायरस की दूसरी लहर बचाएगी डेल्टा प्लस वैरिएंट के आने वाले कहर से, यह है वजह
भारत में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले कई राज्यों में बढ़ रहे हैं। ऐसे में चिंता बढ़ रही है वहीं विशेषज्ञों को एक तरफ यह भी मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण अब डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले ज्यादा नहीं बढ़ेंगे।
जागरण संवाददाता, मेरठ। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है। भारत में दूसरी लहर ने 80 से 90 फीसद लोगों को संक्रमित कर दिया। संक्रमित लोगों में बनी यही एंटीबाडी डेल्टा प्लस के खिलाफ कारगर रहेगी। कोरोना के हर नए वैरिएंट से सुरक्षा मिलेगी। आइसीएमआर का भी दावा है कि वैक्सीन ले चुके लोगों में बनी एंटीबाडी तीसरी लहर से बचाएगी। जानलेवा निमोनिया नहीं होगा।
सीरो सर्वे की रिपोर्ट बढ़ा रही उत्साह: लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजी विभाग के इंचार्ज डा. अमित गर्ग का कहना है कि भारत में दूसरी लहर डेल्टा वायरस की वजह से थी। जीनोम में हल्के बदलाव से यह डेल्टा प्लस हो गया। मार्च से मई-2021 के बीच कोरोना की दूसरी लहर चली। केजीएमयू लखनऊ और एलएलआरएम मेडिकल कालेज की सीरो सर्वे रिपोर्ट बताती है कि यूपी के ज्यादातर जिलों में 80 फीसद से ज्यादा लोगों में एंटीबाडी बन चुकी है। यह एंटीबाडी कोरोना के दूसरे वैरिएंट के खिलाफ भी काम करेगी।
माइक्रोबायोलोजिस्ट मेडिकल कालेज डा. अमित गर्ग ने कहा- डेल्टा प्लस वैरिएंट ज्यादा घातक होगा, इसका दुनिया में कोई प्रमाण नहीं है। वायरस के स्पाइक प्रोटीन में बदलाव से संक्रामकता बेशक बढ़ सकती है, लेकिन दूसरी लहर और टीका लगवाने से बनी एंटीबाडी बहुत बड़ी आबादी को सुरक्षित रखेगी।
हर वैरिएंट से 60 फीसद बचाव देगी वैक्सीन
नई शोध रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के जिन देशों में 20 फीसद से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगी, वहां पर संक्रमण धीमा पड़ गया है। मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. अरविंद का कहना है कि नए वैरिएंट से वैक्सीन के प्रभाव में थोड़ी कमी आ सकती है, लेकिन यह शून्य नहीं हो सकता। अगर वैक्सीन 50 फीसद भी कारगर है तो यह गंभीर बीमारी होने से रोकेगी। मेरठ में करीब 24 लाख लोगों (बच्चों को छोड़कर) में से 9.3 लाख यानी 39 फीसद को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।