किरने की जिंदगी हुई रोशन, जलाएंगे दीवाली के दीये
मेडिकल कॉलेज में किरने की दायीं आंख में पुतली प्रत्यारोपण हुआ। परीक्षण में आई विजन बेहतर मिला और आंख की रोशनी फिर से रोशनी लौट आई।
मेरठ (दिलीप पटेल)। दीपावली पर यूं तो हर घर प्रकाश से जगमगाएगा। लेकिन लोहिया नगर के 66 वर्षीय किरने की तो जिंदगी ही रोशन हो गई है। उनकी दायीं आंख में एक बार फिर रोशनी की किरण लौट आई है। शुक्रवार को परीक्षण के दौरान जिंदगी का अंधेरा छटा तो दीपावली की खुशियां रोशन हो गईं। वह परिजनों से बोले अब दीवाली के दीये जलाऊंगा।
पांंच साल पहलेे लगी थ्ाी चोट
पांच साल पहले किरने की बायीं आंख में चोट लग गई थी। इससे आंख में संक्रमण हो गया था। दिल्ली और मेरठ में डॉक्टर को दिखाया। इलाज में खूब पैसा खर्च किया, लेकिन संक्रमण ठीक नहीं हुआ। आंख में मवाद बना गया। दायीं की रोशनी बचाने के लिए बायीं आंख निकलवानी पड़ी, लेकिन रोशनी नहीं बच सकी। एक नेत्र विशेषज्ञ ने पुतली प्रत्यारोपण की सलाह दी। परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के आई बैंक में इसके लिए पंजीकरण कराया। करीब ढाई साल इंतजार के बाद 27 सितंबर 2018 को पुतली मिलने पर मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अलका गुप्ता ने दायीं आंख में पुतली प्रत्यारोपण किया।
परीक्षण में आई विजन मिला बेहतर
पुतली प्रत्यारोपण के बाद शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में नेत्र परीक्षण किया गया। सबसे पहले किरने ने नातिन को देखा और पहचान गए। डॉक्टरों का कहना है कि आई विजन बेहतर है। धीरे-धीरे रोशनी बढ़ जाएगी।
रोशनी गंवाने के बाद एक-एक पल था भारी
दोनों आंखों की रोशनी गंवाने के बाद किरने ने यह उम्मीद छोड़ दी थी कि अब वह फिर से दुनिया देख सकेंगे। लेकिन परिजनों की कोशिशें रंग लाईं। किरने ने बताया कि बिना आंखों के जिंदगी का एक-एक पल काटना भारी हो गया था। सिर्फ आवाज सुनकर जी रहे थे। अक्सर आंखें भर आती थीं।
हंसराज की आंखों से दो लोग देखेंगे दुनिया
70 वर्षीय हंसराज जैन समाज के सामने यह मिसाल पेश कर गए। उनकी आंखों की ज्योति से दो लोगों की दुनिया जगमग होगी। जैन नगर निवासी हंसराज जैन की मृत्यु शुक्रवार रात 7 बजे हृदय गति रुकने से हो गई। परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग को नेत्रदान करने की सूचना दी। रात 11 बजे नेत्र चिकित्सकों की टीम उनके आवास पहुंची और नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की। मेरठ आई बैंक की काउंसलर मीनाक्षी द्विवेदी ने बताया कि नेत्रदान के लिए जरूरतमंदों को बुलाया गया है। कार्निया परीक्षण के बाद दो लोगों को प्रत्यारोपण किया जाएगा।
इलाज को बेचना पड़ा मकान
किरने की पत्नी का देहांत हो चुका है। दो बेटियां हैं। एक समय ऐसा भी आया जब आंखों की रोशनी के लिए उन्हें रामपुर पाउटी गांव स्थित मकान भी सस्ते दामों में बेचना पड़ा। निजी अस्पताल में कई साल उपचार कराया। हालांकि बाद में बड़ी बेटी के लड़के लीलू सिंह उन्हें अपने साथ लोहिया नगर ले आए।
इन्होंने कहा...
सितंबर में किरने की दायीं आंख में किया गया पुतली प्रत्यारोपण सफल रहा। शुक्रवार को नेत्र परीक्षण में आई विजन बेहतर पाया गया। वह देख सकते हैं।
मीनाक्षी दविवेदी, काउंसलर, मेरठ आई बैंक मेडिकल कॉलेज