बिना ब्लाक लिए पटरी काटने से हुआ था खतौली रेल हादसा
रेल कर्मचारियों की तत्परता से ट्रेन दुर्घटनाओं पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।
मेरठ । रेल कर्मचारियों की तत्परता से ट्रेन दुर्घटनाओं पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। रेल हादसों की संख्या शून्य करने को लेकर शनिवार को सिटी स्टेशन पर हुए सेफ्टी सेमीनार मे रेलवे दिल्ली डिवीजन के सिविल, इलेक्ट्रिकल और सिग्नल टेलीकाम इंजीनियरिग के वरिष्ठ अधिकारियों ने फील्ड कर्मचारियों को जागरूक किया। वर्ष 2018 में मेरठ सेक्सन रेल हादसों में आई कमी पर स्टाफ की सराहना की गई।
सेमिनार में अधिकारियों ने विभिन्न रेल दुर्घटनाओं का हवाला देते हुए, गलतियों से सीख लेने की सलाह दी। रेल हादसों की केस स्टडी पर प्रकाशित पुस्तिका में बताया गया कि 19 अगस्त 2017 को खतौली में हुई रेल दुर्घटना का मुख्य कारण ड्यूटी पर तैनात रेलपथ कर्मचारी ने बिना ब्लाक लिए और कार्य स्थल पर सुरक्षात्मक किए बिना पटरी को काट दिया था। स्टेशन के परिचालन कर्मचारी ने आपातकाल के बावजूद इंजीनियरिग ब्लाक की अनुमति नहीं दी। इसी तरह अंबाला और अन्य स्टेशनों पर हुई दुर्घटनाओं पर मंथन किया गया। सीनियर डिवीजनल सेफ्टी आफीसर विपिन धमांदा, रश्मि कुमार, सरताज, राहुल, राहुल पांडे, सेमीनार में रेलवे गेट खुले रहने पर दुर्घटनाओं को रोकने को लेकर सुझाव दिए। रेल पथ अनुरक्षण विभाग के कर्मचारियों ने कहा पटरी की वेल्डिंग करते समय उन्हें न ही दस्ताने मिलते हैं और कोई और उपकरण। जिस पर अधिकारियों ने तुरंत इसका निस्तारण करने की बात कही। सेमीनार के बाद अग्निशमन उपकरण के प्रचालन का प्रशिक्षण दिया गया। विकास कुलश्रेष्ठ, डीपी सिंह, उपेंद्र सिंह, आरपी शर्मा, राजेश्वर कुमार, संजय गुप्ता , जयवीर ंिसंह, आदि मौजूद रहे। वरिष्ठ अधिकारियों के आगमन के मद्देनजर स्टेशन पर साफ सफाई रही और जगह जगह चूने का छिड़काव हुआ।