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केजरीवाल जी! चाहें तो लोन ले लीजिए, रैपिड रेल मत अटकाइए

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्र को पत्र लिखकर जताई थी खर्च वहन करने में असमर्थता। केंद्र सरकार ने दिया पत्र का जवाब, कहा- दिल्ली सरकार के हिस्से का खर्च वहन नहीं करेगा केंद्र।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 04:27 PM (IST)
केजरीवाल जी! चाहें तो लोन ले लीजिए, रैपिड रेल मत अटकाइए
केजरीवाल जी! चाहें तो लोन ले लीजिए, रैपिड रेल मत अटकाइए

मेरठ। रैपिड रेल प्रोजेक्ट दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच फुटबाल सरीखा हो गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से योजना में खर्च होने वाली धनराशि में दिल्ली का भाग वहन करने का अनुरोध किया था। केंद्र सरकार ने इससे इन्कार कर फंड की व्यवस्था के लिए विकल्प सुझाए हैं।

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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण में 31,902 करोड़ रुपये व्यय होने का आकलन है। इसमें दिल्ली सरकार को 1,138 करोड़ रुपये देने हैं। अगस्त के आरंभ में अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य सरकार के पास पर्याप्त फंड नहीं है। इसी पत्र के उत्तर में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा कि केंद्र दिल्ली सरकार का खर्च वहन नहीं करेगा। दिल्ली सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए लोन ले सकती है। उन्होंने कहा कि मास ट्रांजिट प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार पहले ही गाइडलाइन जारी कर चुकी है जिसमें कोई बदलाव नहीं होगा।

खुले हुए हैं विकल्प

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के इन्कार करने का मतलब यह नहीं है कि वह पूरी तरह से हाथ खींच रही है। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को लोन के विकल्प उपलब्ध करा सकती है या सुझाव दे सकती है। एक ऐसा ही सुझाव आया है कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से कम ब्याज दरों पर दिल्ली सरकार लोन ले सकती है।

फिलहाल फंड की दिक्कत नहीं

दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच फंड को लेकर रस्साकशी चल रही है, लेकिन उसके चलते मौजूदा समय में कार्य प्रभावित नहीं होगा। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 659 और उत्तर प्रदेश सरकार ने 250 करोड़ का प्रावधान किया है। इससे मिट्टी का परीक्षण, स्टेशनों और डिपो के डिजायन के लिए कंसल्टेंटों की नियुक्ति जैसे कार्य जोरों पर चल रहे हैं। प्रथम फेज में दुहाई से साहिबाबाद के बीच रैपिड रेल की लाइन बिछायी जाएगी।

पावर ग्रिड की छह लाइनें शिफ्ट होंगी

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के प्रस्तावित रूट के बीच छह पावर ग्रिड की हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन जा रही हैं। इनको शिफ्ट करने के लिए भी एस्टीमेट बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

एनसीआरटीसी सीपीआरओ सुधीर कुमार शर्मा का कहना है कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का कार्य तेजी से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट को लेकर पूरी टीम सकारात्मक ढंग से कार्य कर रही है। जल्द ही सभी स्टेशनों के डिजायन के लिए कंसल्टेंटों की नियुक्ति का काम पूरा हो जाएगा।


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