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कुएं ढककर रखें ग्रामीण, बिजनौर में डीएफओ ने कहा, जानिए क्या है इसका गुलदार से कनेक्शन

डीएफओ बिजनौर एके पटेल के नेतृत्व में अमानगढ़ टाईगर रिजर्व में तैनात वनकर्मियों ने गश्त की। गश्त के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में मेटल डिटेक्टर का भी प्रयोग किया। गश्त के दौरान जंगल में मिले पदचिन्हों की फोटोग्राफी की।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:48 PM (IST)
बिजनौर में जानवरों के आबादी में स्थित सूखे कुओं में गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं।

बिजनौर, जागरण संवाददाता। जिले के कई क्षेत्रों में गुलदार के चलते लोगों में दहशत है। इसी के साथ गुलदार और अन्य जंगली जानवरों के आबादी में स्थित सूखे कुओं में गिरने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। वन विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। जंगल से सटी आबादी में ग्रामीणों से सूखे कुओं को ढकने की अपील की जा रही है। जहां गश्त के दौरान जंगल में घूम रहे संदिग्धों पर भी नजर रखी जा रही है।

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डीएफओ के नेतृत्व में टाईगर रिजर्व में वनकर्मियों ने की गश्त

डीएफओ एके पटेल के नेतृत्व में अमानगढ़ टाईगर रिजर्व में तैनात वनकर्मियों ने रविवार को गश्त की। गश्त के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में मेटल डिटेक्टर का भी प्रयोग किया। वहीं गश्त के दौरान जंगल में मिले पदचिन्हों की फोटोग्राफी की जंगल में हो रही संदिग्ध गतिविधियों को पता लगाने का प्रयास किया गया।

डीएफओ ने बताया कि अब टाइगर रिजर्व में नियमित रूप से पेट्रोङ्क्षलग की जाएगी। वहीं उन्होंने ग्रामीणों से अपील की, कि वह जंगल में घूमने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना वन विभाग को दें। वहीं उन्होंने खुले कुओं को ढकने का आह्वान किया, ताकि वन्य जीव खुले कुएं में ना गिरें। उल्लेखनीय है कि एक दिसंबर को ग्राम अब्दुल खालिक पुर बलराम में स्थित एक सूखे कुएं में एक गुलदार का शावक गिर गया था। उक्त है। सूचना पर डीएफओ एके पटेल के नेतृत्व में रेस्क्यू आपरेशन चलाकर उक्त गुलदार के शावक को कुएं से बाहर निकलवाया और जंगल में छुड़वा दिया।

एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग 

बिजनौर। नजीबाबाद में भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के कार्यकर्ताओं ने एमएसपी को गारंटी कानून बनाने की मांग सहित कई समस्याओं को उठाया।

भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के जिलाध्यक्ष चौधरी वीर सिंह सहरावत की अध्यक्षता में तहसील परिसर में मासिक पंचायत आयोजित हुई। चौधरी वीर सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने किसान हित में तीनों कृषि कानूनों को तो रद्द कर दिया। यह किसानों के आंदोलन की जीत है। लेकिन जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाया जाएगा और आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को सम्मान और उनके परिजनों को उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा तब तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा। किसानों ने तहसीलदार गोपेश तिवारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों ने एमएसपी को गारंटी कानून बनाए जाने, किसान हित में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किए जाने, किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज सभी मुकदमें वापिस लिए जाने, गन्ने का समस्त बकाया भुगतान 14 दिन के भीतर किए जाने, गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली बंद कराए जाने, किसानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति दिए जाने की मांग की।


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