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क्‍या आप जानते हैं, डीजे कांवड़ का मतलब तीन शादियों के स्पीकर,एक फैक्ट्री का जेनरेटर Meerut News

कांवड़ यात्रा के दौरान हजारों डेसिबल से धरती हिला देने वाले डीजे के स्पीकर अलग किए जाने पर वे तीन शादियों में धमाल मचाने के बराबर होते हैं।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 01:04 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 01:04 PM (IST)
क्‍या आप जानते हैं, डीजे कांवड़ का मतलब तीन शादियों के स्पीकर,एक फैक्ट्री का जेनरेटर Meerut News
क्‍या आप जानते हैं, डीजे कांवड़ का मतलब तीन शादियों के स्पीकर,एक फैक्ट्री का जेनरेटर Meerut News
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। कांवड़ यात्रा में जो सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करती है, वह है डीजे कांवड़। हजारों डेसिबल से धरती हिला देने वाले इस डीजे के स्पीकर अलग किए जाने पर वे तीन शादियों में धमाल मचाने के बराबर होते हैं। इनके साथ जो जेनरेटर होता है, वह एक फैक्ट्री का कामकाज चला सकता है या फिर एक बड़ी कॉलोनी को रोशन कर सकता है।
बीट्स से आसपास के घरों में कंपन
डीजे कांवड़ जब शहर के बीच से गुजरती है तब उसकी बीट्स से आसपास के घरों में कंपन होने लगता है। शीशे की खिड़कियां ऐसे झंकार करती हैं मानो बस टूट ही जाएंगी। ऐसा होता है डेसिबल की वजह से। इसमें आवाज के नियमों का कोई वास्ता नहीं होता। ये डीजे डेसिबल से परे होते हैं। एक डीजे कांवड़ जब गुजरती है, तब उससे हजारों डेसिबल तरंग निकलती हैं। इन तरंगों की वजह से दूर तक भवनों में कंपन होता रहता है।
स्पीकरों की क्षमता करीब 40 हजार वाट
दरअसल, ये डीजे बड़े और उच्च बीट्स वाले स्पीकर से बनाए जाते हैं। एक डीजे कांवड़ के स्पीकरों की क्षमता करीब 40 हजार वाट हो जाती है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि एक शादी में जो डीजे प्रयोग होता है, अगर उसी तरह की तीन शादियों के डीजे एक साथ जोड़ दिए जाएं तो एक कांवड़ डीजे तैयार होता है। हरिद्वार से लोनी तक डीजे कांवड़ ले जा रहे कुनाल ने बताया कि उनका खुद का डीजे का कारोबार है।
एक रात का शुल्क 15 हजार
इतना बड़ा डीजे महंगी शादियों में प्रयोग होता है। हालांकि उसमें भी इतनी भयंकर बीट्स पर नियंत्रण रखा जाता है। शादी में फ्लोर डीजे के लिए एक रात का शुल्क 15 हजार रुपये लिया जाता है, जिसमें कम क्षमता वाले 15 स्पीकर होते हैं। फ्लोर डीजे टेंपो में सेट किया जाता है। वहीं स्टैंड डीजे का एक रात का शुल्क पांच से सात हजार रुपये होता है। जबकि डीजे कांवड़ में सिर्फ स्पीकरों का किराया ही 10 दिन के लिए डेढ़ लाख तक पहुंच जाता है।

62 केवीए तक का जेनरेटर
अब बात करते हैं इसमें प्रयोग होने वाले जेनरेटर की। कांवड़ियों का डीजे तेज ध्वनि वाला होता पर जेनरेटर साउंड प्रूफ होता है। उसे ट्रक या डीसीएम में पैक रखा जाता है। ज्यादातर डीजे के लिए 62 केवीए तक का जेनरेटर प्रयोग हुआ यानी 60 किलो वाट का। विश्वकर्मा इंडस्टियल एस्टेट के महामंत्री कमल ठाकुर ने बताया कि एक सामान्य फैक्ट्री में 35 से 40 किलो वाट का ही जेनरेटर बिजली कटौती से निपटने के लिए रखा जाता है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता अरुण पाठक के अनुसार 62 केवी का जेनरेटर इतनी बिजली पैदा करता है कि इससे एक फैक्ट्री का काम चल सकता है या एक अच्छी कॉलोनी को रोशन कर सकता है।

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