Move to Jagran APP

मेरठ छावनी की रिपोर्ट में कंचन को दोषी ठहराया

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी के आरोपित भारतीय सेना के सिग्नलमैन कंचन सिंह के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। कंचन सिंह को लेकर मेरठ छावनी में जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें उसका दोष सिद्ध बताया जा रहा है। तमाम साक्ष्य भी नत्थी किए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 03:07 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 03:07 AM (IST)
मेरठ छावनी की रिपोर्ट में कंचन को दोषी ठहराया
मेरठ छावनी की रिपोर्ट में कंचन को दोषी ठहराया

मेरठ: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी के आरोपित भारतीय सेना के सिग्नलमैन कंचन सिंह के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। कंचन सिंह को लेकर मेरठ छावनी में जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें उसका दोष सिद्ध बताया जा रहा है। तमाम साक्ष्य भी नत्थी किए गए हैं। इस रिपोर्ट को अग्रिम कार्रवाई के लिए पश्चिमी कमान मुख्यालय भेज दिया गया है। रिपोर्ट में कंचन की पूरी गतिविधियों के साथ ही उसके बैंक खाते, फर्जी सोशल आइडी के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। इतना ही नहीं, आरोपित कंचन की दिनचर्या, उसके रहन-सहन तक का ब्यौरा रिपोर्ट में शामिल किया गया है।

loksabha election banner

माना जा रहा है कि अब इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर कमान मुख्यालय की जांच आगे बढ़ेगी। तथ्यों को परखा जाएगा। इसके साथ ही उसका लाई डिटेक्शन टेस्ट भी कराया जाएगा ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

बहरहाल, सोशल साइट फेसबुक और ट्विटर पर अब जवान सक्रिय नहीं रहेंगे। नहीं अपने यूनिफार्म में कोई फोटो पोस्ट कर पाएंगे। जासूसी के आरोप में पकड़े गए कंचन सिंह की घटना के बाद सैनिकों के लिए नियम और भी सख्त कर दिए गए हैं। ऐसे विभिन्न यूनिटों में तैनात सैनिक सोशल साइट पर सिविलियन से भी दूरी रखने लगे हैं।

पाकिस्तान के इंटेलीजेंस आपरेटिव के लिए जासूसी करने के आरोपित कंचन सिंह को उच्चस्तरीय जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित पश्चिम कमान भेज दिया गया है, इसके बाद भी मेरठ छावनी में सैन्य गतिविधियों को लेकर सैन्य अफसर सतर्क हैं। आरोपित कंचन सिंह के फेसबुक के फ्रेंडलिस्ट में कुछ पाकिस्तानी भी जुड़े थे। सोशल साइटों पर इस तरह की गतिविधियों ने सभी सैन्य अफसरों को सतर्क कर दिया है। अब नए सिरे से सभी यूनिट में सभी सैनिकों को आदेश जारी कर दिया गया है कि वह स्मार्टफोन पर सोशल साइटों पर किसी भी तरह से संलिप्त न रहे। ऐसे में पहले से सोशल साइटों पर सक्रिय रहने वाले कुछ सैनिकों ने अपने प्रोफाइल को हटाना भी शुरू कर दिया है। कैंट क्षेत्र में होने वाले रामलीला में बहुत से सैनिक परिवार आते रहे हैं, जासूसी के आरोपित कंचन सिंह के पकड़े जाने पर इस बार मेले में वर्दी में सैनिकों की संख्या कम दिखी है।

सार्वजनिक जगहों पर विशेष निगाह

सिग्नल रेजीमेंट के सैनिक कंचन सिंह को जासूसी के आरोप में सेना ने पकड़ा है। सेना को इस बात का भी अभी अंदेशा है कि कंचन सिंह जैसा कोई और भी न हो। इसके लिए सभी यूनिट में सैन्य अफसर अपने - अपने तरीके से हर गतिविधियों पर भी नजर रख रहे हैं। तो दूसरी ओर छावनी क्षेत्र में ऐसे सार्वजनिक क्षेत्र जहां पर सिविलियन का आना जाना अधिक है, उस जगह पर खास निगरानी रखी जा रही है। जिससे सैनिकों की सिविल लोगों से


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.