नवंबर माह में झमाझम बरसे मेघा, रिकार्ड बारिश
ठंड की पहली झमाझम बारिश बुधवार को देखने को मिली। बादलों की गरज और कड़कती बिजली के बीच बारिश और ओलावृष्टि से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया।
मेरठ, जेएनएन। ठंड की पहली झमाझम बारिश बुधवार को देखने को मिली। बादलों की गरज और कड़कती बिजली के बीच बारिश और ओलावृष्टि से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार नवंबर माह में इस तरह की बारिश लंबे अंतराल बाद देखी गई। मेरठ समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश देखी गई। आज भी बारिश के आसार हैं। कल से मौसम साफ रहेगा।
दोपहर बाद अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। आसमान में काले बादल घिर आए और अंधेरा छा गया। हाइवे पर शाम चार बजे से ही वाहनों की लाइट जलती नजर आई। शाम चार बजे जब रिमझिम बारिश शुरु हुई तो अनुमान था कि कुछ ही देर में ठहर जाएगी। लेकिन रिमझिम फुहारें रात साढ़े आठ बजे तक मूसलाधार बारिश में बदल गई। रात में जगह जगह ओले भी पड़े। हालांकि दिल्ली रोड में बारिश की तीव्रता अधिक रही नहीं पल्लवपुरम इलाके में यह अपेक्षाकृत कम रही। अचानक बारिश के लिए लोग तैयार नहीं थे। आफिस से लौटते समय और बाजारों में लोग बारिश से बचने के लिए इधर उधर भागते नजर आए। आकाशीय बिजली कड़कने से बाहर निकले लोग सहम गए और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई।
आने वाले दिनों ठंड बढ़ेगी
नवंबर बीतने वाला है और अभी तक एक भी दिन पारा 10 डिग्री से नीचे नहीं गया है। बुधवार को अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री यह सामान्य से एक डिग्री अधिक और न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सामान्य से चार डिग्री कम रहा। कृषि विवि के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि दो दिन से पूर्व से ही हिमालय क्षेत्र में पश्चिम विक्षोभ सक्रिय था, गुरुवार को इसकी तीव्रता में इजाफा हुआ और कम दबाव का क्षेत्र मेरठ और आसपास बन गया। जिससे अच्छी बारिश हुई। शुक्रवार को भी बादल छाए रहेंगे और बारिश होगी। ठंडी हवाएं चलने से तापमान में गिरावट आएगी और ठंड में इजाफा होगा।
कई सालों बाद हुई नवंबर में ऐसी बारिश
मेरठ में नवंबर में केवल 1.4 मिमी बारिश का औसत है। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि रात 10 बजे तक पांच एमएम बारिश हो चुकी थी। पिछले 10 सालों में नवंबर माह में 24 घंटे में हुई सर्वाधिक बारिश का आकलन करें तो। बुधवार की रिकार्ड बारिश हुई।
सरसों के लिए नुकसान, गेंहू के लिए मुफीद
नवंबर में हुई तेज बारिश का कृषि विशेषज्ञों ने मिलाजुला प्रभाव बताया है। कृषि विवि के डा. पुरुषोत्तम ने बताया कि ओला वृष्टि से सरसों की फसल को नुकसान होगा। वहीं गेंहू की अर्ली प्रजाति बोने वालों को इस बारिश से फायदा होगा।
नवंबर में पिछले सालों का 24 घंटे में हुई बारिश का रिकार्ड
वर्ष बारिश मिमी में और दिन
2019 - 5, 27 रात 10 बजे तक
2018 - ट्रेस
2017 - 0
2016 - 0
2015 - 2.5, 5
2014 - 0
2013 - 0.2, 1
2012 - 0
2011 - 0
2010 - 0.5, 25
2009 - 2.0, 13