Move to Jagran APP

बुलंदशहर बवाल: भीड़ का हिस्सा था जीतू फौजी, गोली चलाई या नहीं इसकी जांच जारी

कोतवाल की हत्या का आरोपित माने जा रहे जीतू फौजी को सेना ने नोएडा एसटएफ को सौंप दिया। बुलंदशहर पुलिस उसे पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय ले आई है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 12:25 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 12:31 PM (IST)
बुलंदशहर बवाल: भीड़ का हिस्सा था जीतू फौजी, गोली चलाई या नहीं इसकी जांच जारी
मेरठ/बुलंदशहर, जेएनएन। स्याना में तीन दिसंबर को गोकशी को लेकर हुए बवाल में शहीद हुए कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की हत्या में आरोपित माने जा रहे जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को सैन्य अधिकारियों ने शनिवार रात 1:00 बजे नोएडा एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया। यहां से बुलंदशहर पुलिस उसको गिरफ्तार कर स्याना कोतवाली ले आई। एसटीएफ के सीओ ने मेरठ में बताया कि पूछताछ में पुलिस को अभी ऐसे कोई सुबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह कहा जा सके कि जीतू फौजी ने ही कोतवाल की गोली मारकर हत्या की। ताजा जानकारी है कि बुलंदशहर पुलिस जीतू को कई किलोमीटर घुमाने के बाद पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय में लेकर पहुंची है। यहां अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं। दोपहर बाद उसे स्पेशल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। 

गोकशी के बाद हुआ था बवाल
महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसको लेकर बवाल हो गया था। इसमें स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह गोली लगने से शहीद हो गए थे और चिंगरावठी के युवक सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गई थी। इस प्रकरण में पुलिस ने 27 बलवाइयों को नामजद करते हुए 60 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया था। इसमें जम्मू कश्मीर में तैनात फौजी जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू को भी आरोपित बनाया गया है। शुरुआती जांच में पुलिस जीतू फौजी को कोतवाल की हत्या का आरोपित मान रही है।
जम्मू कश्मीर गई थी पुलिस और एसटीएफ
घटना की तह तक जाने के लिए पुलिस न्यायालय से वारंट लेकर जीतू फौजी को पकडऩे के लिए जम्मू कश्मीर गई थी, लेकिन सेना ने जीतू को इनके हवाले नहीं किया था। सैन्य अधिकारी खुद उसे लेकर सोपोर से रवाना हुए और रात 12.50 पर मेरठ एसटीएफ कार्यालय पहुंचे। यहां उसे नोएडा एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया गया। देर रात वहां से लिखापढ़ी के बाद स्याना कोतवाली पुलिस उसे लेकर बुलंदशहर आ गई।
एसआइटी ने की पूछताछ
यहां रविवार तड़के स्याना कोतवाली में आइजी मेरठ रेंज द्वारा गठित एसआइटी ने जीतू से पूछताछ की। करीब तीन-चार घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस उसे लेकर क्षेत्र में निकल गई। माना जा रहा है कि पुलिस उसकी निशानदेही पर कोतवाल से छीनी गई लाइसेंसी पिस्टल को बरामद करने का प्रयास हुआ।
गोली मारने के साक्ष्य अभी नहीं मिले : सीओ
उधर, शनिवार रात एसटीएफ के सीओ ने मेरठ में मीडिया को दिए बयान में कहा है कि जीतू फौजी भीड़ का हिस्सा था, जिसके सबूत पुलिस को मिले हैं। लेकिन उसने ही कोतवाल को गोली मारी इसके साक्ष्य अभी नहीं मिले हैं। एसआइटी इसकी जांच कर रही है।
मैं घटनास्थल पर था, पर गोली नहीं चलाई : जीतू
फौजी जीतू ने मेरठ में मीडिया से कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद था। इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या उसने नहीं की है। उसे तो पता भी नहीं था कि गोली चल गई है। सीओ एसटीएफ ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध प्रमाण तलाशे जा रहे हैं।

जीतू से मिलने पहुंचा भाई
जीतू फौजी का भाई धर्मेंद्र मलिक उससे मिलने क्राइम ब्रांच दफ्तर पर पहुंचा। पुलिस ने उसे नहीं मिलने दिया। बता दें कि धर्मेंद्र ने फौज की वर्दी पहनी हुई है। उसका कहना है कि जब तक उसके भाई को इंसाफ नहीं मिलता वह वर्दी नहीं उतारेगा। उसने सेनाध्‍यक्ष से भी अपील की थी कि जांच पूरी होने तक सेना उसे कस्टडी में रखे।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.