घाटी से 370 हटने के बाद बढ़ी पुलिस की जिम्मेदारी, भीड़ नियंत्रण पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की चल रही ट्रेनिंग Meerut News
मेरठ के वेदव्यासपुरी स्थित रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 108 बटालियन परिसर में ‘भीड़ नियंत्रण’ पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की दो हफ्ते की ट्रेनिंग चल रही है।
मेरठ, [अभिषेक कौशिक]। घाटी से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के पांच माह बाद वहां के हालात सामान्य की ओर हैं। इंटरनेट और एसएमएस सेवा बहाल हो गई है। अर्धसैनिक बलों की तैनाती जहां लोगों को सुरक्षा का अहसास कराती है, वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस सब कुछ सही होने का विश्वास दिलाती है। बड़े बदलाव के बाद पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ गई है।
भीड़ नियंत्रण पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की ट्रेनिंग
अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा दिया गया था। नए बदलाव के साथ वहां कई पाबंदियां भी अमल में आई थी। सुरक्षा बलों की संख्या भी बढ़ाई गई थी। इस सबके बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अर्धसैनिक बलों के साथ कदम से कदम मिलाकर हालात काबू में रखे। मेरठ के वेदव्यासपुरी स्थित रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 108 बटालियन परिसर में ‘भीड़ नियंत्रण’ पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की दो हफ्ते की ट्रेनिंग चल रही है। प्रशिक्षुओं में जेएंडके पुलिस के एक डीएसपी, 12 दारोगा और 300 जवान शामिल हैं। जेएंडके पुलिस के डीएसपी इम्तियाज अहमद ने बताया कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद से पुलिसिंग में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है। पुलिस पहले की ही तरह कार्य कर रही है। हालांकि जिम्मेदारी थोड़ी बढ़ गई है। प्रशासनिक अफसरों के साथ मिलकर लोगों को नए बदलाव से रूबरू कराने में भी पुलिसकर्मी पीछे नहीं रहे। उन्होंने हर छोटी-बड़ी जानकारी लोगों तक पहुंचाई। पर्चो आदि के जरिए भी बदलाव की जानकारी दी। नौकरी, शिक्षा व अन्य फायदों के बारे में जानने के बाद लोगों का रुख भी सकारात्मक रहा।
सेना के साथ पूरा तालमेल
डीएसपी ने बताया कि सेना के साथ पुलिस का पूरा तालमेल रहता है। कोई भी आपरेशन शुरू होने से लेकर खत्म होने तक पुलिस और सेना के जवान लगातार संपर्क में रहते हैं। अनुच्छेद-370 हटने के बाद भी पुलिस और फोर्स ने पूरी तरह से मिलकर काम किया। छोटी-बड़ी हर जानकारी साझा की। इसका ही नतीजा है कि अब हालात सामान्य की ओर हैं।
दो सप्ताह की ट्रेनिंग पर आए जवान
भीड़ नियंत्रित करने की ट्रेनिंग के लिए जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस के जवान आए हुए हैं। इनकी अपनी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। पोस्टिंग भी हो गई है। सभी एडवांस ट्रेनिंग के लिए आरएएफ आए हैं। यहां पर खुद को सुरक्षित रखते हुए बिना हथियार के केवल लाठी-डंडों से भीड़ को कंट्रोल करना सिखाया जाएगा। बुधवार को प्रशिक्षण का पहला दिन था।