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गांव का छोटा डॉक्‍टर भी कहलाएगा वीएलई, डिजिटल गांव की बात ही कुछ और है

मेरठ जिले के 700 गांवों में से जानीखुर्द ब्लॉक का नंगला जमालपुर गांव पहला डिजिटल गांंव बनेगा। अब इस गांव के लोगों को सभी ऑनलाइन सुविधाएं मिलेंगी।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 01:14 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 01:14 PM (IST)
गांव का छोटा डॉक्‍टर भी कहलाएगा वीएलई, डिजिटल गांव की बात ही कुछ और है
मेरठ, जेएनएन। जानीखुर्द ब्लॉक का नंगला जमालपुर गांव जिले का पहला डिजिटल गांव बनेगा। यहां लोगों को वाईफाई की सुविधा मिलेगी। साथ ही सरकार से संबंधित सभी ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ अनिवार्य रूप से मिलेगा। मोदी सरकार की मुहिम डिजिटल इंडिया के अंतर्गत देश की 700 ग्राम पंचायतों को डिजिटल गांव बनाया जा रहा है। इसके तहत एक जिले से एक गांव ही चयनित किया गया है, जिसमें मेरठ के जानीखुर्द ब्लॉक के नंगला जमालपुर का चयन हुआ है। अब इस गांव के लोगों को सभी ऑनलाइन सुविधाएं मिलेंगी। किसी मोबाइल कंपनी के इंटरनेट डाटा के भरोसे रहने के बजाय, यहां के लोगों को वाईफाई सुविधा किफायती दर पर मिलेगी। यही नहीं, आने वाले दिनों में यहां वरिष्ठ अधिवक्ताओं से कानूनी परामर्श भी ऑनलाइन ही लिया जा सकेगा।
अन्य सीएससी वाले गावों से क्यों अलग है
वैसे तो भारत सरकार की योजना के अनुसार लगभग सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल सेवाएं मुहैया कराने के लिए सीएससी-वीएलई (कॉमन सर्विस सेंटर-विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) केंद्र खोले गए हैं, पर यह गांव इसलिए अलग है कि अन्य सीएससी कोई सर्विस दें या न दें यह उनकी क्षमता, सुविधा और रुचि पर निर्भर करता है। मगर इस गांव का सीएससी संचालक भारत सरकार से संबंधित किसी भी ऑनलाइन सेवा को देने से मना नहीं कर सकता। उसे निर्धारित सभी सेवाएं अनिवार्य रूप से देनी पड़ेंगी। इसके बदले में सरकारी स्तर से संबंधित गांव को डिजिटल बनाने में ढांचागत सुविधा जैसे- फाइबर केबल, तकनीकी विशेषज्ञ, बिना ब्याज के ऋण की सुविधा आदि मुहैया कराई जाएगी।
गांव का छोटा डाक्टर भी कहलाएगा वीएलई
डिजिटल गांव के अंतर्गत संबंधित सीएससी संचालक यानी वीएलई को एक हेल्थ किट मुहैया कराई जाएगी। इसके जरिए वह बुखार, बीपी, शुगर, वजन आदि की जांच कर सकेगा। खांसी, बुखार आदि के लिए सामान्य दवाएं भी मरीज को देने की छूट मिलेगी। गांव के किसी व्यक्ति को यदि चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत है और वह अस्पताल नहीं जाना चाहता तो उसके लिए भी यहां सुविधा रहेगी। वीडियो कॉलिंग के जरिए चिकित्सकों के पैनल से बात की जा सकेगी। पशुओं की बीमारी पर भी पशु चिकित्सकों के पैनल से बात की जा सकेगी।
सीसीसी से लेकर ऑटोमोबाइल कोर्स तक कराए जाएंगे
निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गांव के लोगों को निश्शुल्क डिजिटल साक्षर बनाने के साथ ही बेसिक कंप्यूटर कोर्स होगा। सीएससी संचालक मनीष ने बताया कि यहां सीसीसी कोर्स भी कराया जाएगा। ऑटोमोबाइल, मोबाइल रिपेयरिंग, इलेक्टिकल आदि ऑनलाइन कोर्स भी कराए जाएंगे।
इन्‍होंने बताया
डिजिटल गांव के रूप में चयनित नंगला जमालपुर गांव का सर्वे करा लिया गया है। इसमें यह भी पता किया गया है कि कितने लोग साक्षर और शिक्षित हैं। डिजिटल जानकारी कितने लोगों को है और कितने लोग स्मार्ट फोन आदि का उपयोग करते हैं। सीएससी भवन को नामित एजेंसी की ओर से पेंट भी कराया गया है। कंप्यूटर लैब खोलने का कार्य शुरू हो गया है। संबंधित आवश्यक सेवाएं जल्द मिलने लगेंगी।
- श्वेत पंवार, डिस्टिक्ट मैनेजर, सीएससी-वीएलई  

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