शताब्दीनगर में 28 साल में पहली बार हुई सफाई
मेरठ। शताब्दीनगर की जनता गुरुवार सुबह सेक्टर एक में युद्धस्तर पर सफाई होते और कूड़े के ढेर उठत
मेरठ। शताब्दीनगर की जनता गुरुवार सुबह सेक्टर एक में युद्धस्तर पर सफाई होते और कूड़े के ढेर उठते देख चौंक गई। दैनिक जागरण के विशेष सफाई अभियान 'स्वच्छ मेरठ, स्वस्थ मेरठ' के तहत 28 साल में पहली बार गुरुवार को यहां सफाई। सड़कों पर झाड़ू लगी, नालियों से सिल्ट निकली और कूड़े के ढेर को जेसीबी ने उठाया। महापौर, अपर नगर आयुक्त तथा नगर स्वास्थ्य अधिकारी के सामने कालोनी के आवंटियों ने एमडीए प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए।
दिल्ली रोड पर एमडीए द्वारा लगभग 1990 में शताब्दीनगर कालोनी विकसित थी, लेकिन आज भी यहां की जनता एमडीए की मनमानी से परेशान है। यहां जनसुविधाएं नदारद हैं। सफाई यहां कभी नहीं हुई थी। नाले नालियां सिल्ट से भरे थे और कूड़े के ढेर लगे थे। गुरुवार को दैनिक जागरण ने यहां अपना विशेष सफाई अभियान 'स्वच्छ मेरठ, स्वस्थ मेरठ' चलाया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कुंवरसैन, वाहन डिपो प्रभारी सुनील कुमार तथा सफाई निरीक्षक विनोद कुमार के निर्देशन में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की टीम ने सुबह सात बजे से सफाई कार्य शुरू किया और चार घंटे के प्रयास से कालोनी के सेक्टर एक के हालात बदल डाले। झाड़ू लगाकर सड़कें चमका दी गई। नाले नालियों से सिल्ट निकाली गई। वर्षो से लगे कूड़े के ढेर को निगम की जेसीबी से उठाया गया। महापौर सुनीता वर्मा और अपर नगर आयुक्त अलीहसन कर्नी ने सफाई कार्य का निरीक्षण किया तथा जनता की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।
एमडीए ने दिया धोखा : कालोनी के आवंटी एमडीए अफसरों की मनमानी से खासे खफा हैं। आवंटन के समय उनसे तमाम दावे किए गए थे, लेकिन उसके बाद सुध तक नहीं ली। लोगों ने शिकायतें की, लेकिन अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। कालोनी में सड़कें अधूरी हैं। पार्क बेहाल हैं। स्ट्रीट लाइट, सफाई कुछ भी नहीं है। सीवर लाइनें अटी हैं। उनका पानी कालोनी में ही स्थापित एसटीपी तक भी नहीं पहुंच पाता है। आरोप है कि एमडीए ने न तो खुद जनसुविधाओं पर ध्यान दिया और न ही कालोनी नगर निगम को हैंडओवर ही की। कालोनी के रखरखाव के नाम पर हर महीने भारी भरकम राशि के बिलों का भुगतान एमडीए के खातों से निकाल लिया जाता है, लेकिन मौके पर जनता दिन रात परेशान रहती है।
शहर बसाने को जमीन दी और इनाम में मिले कूड़े के ढेर : रिठानी गांव तथा उसका मुख्य बाजार शताब्दीनगर के सेक्टर एक से सीधे सीधे जुड़ा है, लेकिन जहां दोनों की सीमा है वहां पूरी कालोनी का कूड़ा वर्षो से पड़ा है। हजारों मीटर इलाके में कूड़े के ढेर लगे हैं। नाले कच्चे हैं तथा उसमें भी कूड़ा भरा है। गांव के लोगों की यह पीड़ा भी इस दौरान सामने आई। उनका कहना है कि शहर बसाने के लिए हमने खेती की जमीन दी और उसके बदले इनाम में हमे कूड़े के ढेर मिले। जनता बोली, साहब! एमडीए तो सुनता नहीं आप ही सुन लीजिए
कालोनी में आवंटन के समय एमडीए ने बड़े-बड़े वादे किए थे। पर, पैसा लेने के बाद कोई पूछने तक नहीं आया। आज हालात चिंताजनक हैं। यहां गंदगी से लोग बीमार हो रहे हैं।
-ब्रह्मपाल
कालोनी में एमडीए ने आज तक सफाई नहीं कराई। कूड़े के ढेर लगे हैं। नालियां जाम हैं। कालोनी के लोग गुहार लगाकर थक गए, लेकिन एमडीए ने एक नहीं सुनी। हमें पता चला है कि कालोनी के रखरखाव और जनसुविधाओं के नाम पर हर महीने लाखों रुपये का भुगतान होता है।
-संतोष
गंदगी से कालोनी में मच्छरों की भरमार है। एमडीए से तो कोई उम्मीद नहीं है। नगर निगम ने इस बार कालोनी को अपनी सीमा में शामिल किया है। तब से एक दो बार फागिंग हुई है।
-पवन राठी
कालोनी में पार्क बेहाल हैं। एमडीए ने आधा अधूरा काम कराया वो भी अब नष्ट हो गया। सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। सड़क किनारे घास उग आई हैं।
-दयानंद इन्होंने कहा--
हमारा नया वार्ड है। छह महीने की जद्दोजहद के बाद यहां कुछ सफाई कर्मचारियों को तैनात कराया है। एमडीए ने कालोनी के आवंटियों से धोखा किया है। जनसुविधाओं को लेकर अब एमडीए के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
-पंकज शर्मा, पार्षद पति वार्ड 31
सफाई कर्मचारियों की संख्या कम है। शताब्दीनगर कालोनी का कूड़ा रिठानी गांव की जमीन पर डाला जा रहा है। भूमि अधिग्रहण के बाद गांव का विकास कराने की जिम्मेदारी भी प्राधिकरण की थी, लेकिन एमडीए ने उल्टे गांव को कूड़े से पाट दिया। इसके खिलाफ अफसरों से जवाब मांगा जाएगा।
-सरोज, पार्षद वार्ड 28
शताब्दीनगर कालोनी की बदहाली का जिम्मेदार एमडीए है। लोगों की समस्याओं का विस्तृत पत्र बनाकर कमिश्नर व एमडीए उपाध्यक्ष को भेजा जाएगा। कालोनी के हैंडओवर होने तक जनसुविधाओं की जिम्मेदारी एमडीए की है। हालांकि हमने निगम अफसरों को समस्याओं के समाधान के लिए निर्देश दिए हैं, लेकिन एमडीए को हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
-सुनीता वर्मा, महापौर
शताब्दीनगर कालोनी निगम को हैंडओवर नहीं हुई है। यहां के हालात अच्छे नहीं हैं। पार्षद तो निर्वाचित हो गए हैं, लेकिन निगम की बाध्यता भी है। एमडीए को कालोनी की समस्याओं के संबंध में पत्र भेजा जाएगा। निगम स्तर से जो प्राथमिक कार्य कराए जा सकते हैं, कराए जाएंगे।
-अलीहसन कर्नी, अपर नगर आयुक्त
वार्ड 31 नया है। फिलहाल यहां 18 सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं, जिससे कुछ बदलाव आने लगा है। एमडीए को भी अपनी कालोनी के रखरखाव के प्रति गंभीर होना होगा।
-डा. कुंवरसैन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी