ट्रैफिक बेलगाम,हर चौराहे पर जाम
मेरठ :शहर का जाम लोगों के लिए लाइलाज मर्ज बन गया है। दिन निकलते ही जाम शहर में पांव पसार लेता है
मेरठ :शहर का जाम लोगों के लिए लाइलाज मर्ज बन गया है। दिन निकलते ही जाम शहर में पांव पसार लेता है और पुलिस बहाना ढूंढ़ने में लग जाती है। रविवार को शहर के अधिकांश हिस्सों में लोग जाम से जूझे तो ट्रैफिक पुलिस ने खुद को वीआइपी ड्यूटी में व्यस्त बताया। पुलिस व्यवस्था धड़ाम होने से बेगमपुल व शॉपरिक्स मॉल चौराहे पर जाम के विकट हालात रहे।
बेगमपुल पर दूर-दूर तक नजर नहीं आई पुलिस
बेगमपुल चौराहे पर जाम के हालात फिर से बदतर होने शुरू हो गए हैं। जाम का सबब बनने वाली लालकुर्ती पैठ को बीते दिनों खुद कप्तान ने खड़े होकर हटवाया था। थाना व ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही के चलते पैठ फिर से लगने लगी है। रविवार को भी जाम की बड़ी वजह लालकुर्ती पैठ रही, लेकिन बगल में ही रहने वाली पुलिस दूर-दूर तक नजर नहीं आइ।
पुलिस का कहना कि नहीं लग रही पैठ
लालकुर्ती पैठ व बेगमपुल पर अतिक्रमण किसी से छुपा नहीं है सिवाय पुलिस के। लालकुर्ती थाना पुलिस का कहना है कि एक बार हटाने के बाद पैठ दोबारा नहीं लगने दी गई है। लगातार गश्त कर पैठ रोड खाली कराई जा रही है। एसओ ने बताया कि लालकुर्ती पैठ हटाने के बाद पैठ रोड पर लोगों ने दोपहिया वाहन खड़े करने शुरू कर दिए हैं। रविवार को पैठ रोड पर खड़े वाहनों के टायर पंक्चर किए गए और रविवार से उनका चालान भी किए जाएंगे।
सीओ ऑफिस के सामने ही लगा भीषण जाम
पुलिस की इससे लापरवाह तस्वीर क्या होगी कि पुलिस के एक बड़े अधिकारी के दफ्तर के सामने भीषण जाम लग जाए। रविवार शाम शॉपरिक्स मॉल चौराहे पर भीषण जाम लग गया और यहां सीओ ब्रह्मपुरी का दफ्तर होने के बावजूद पुलिस की व्यवस्था फेल हो गई। आधे घंटे तक पुलिस के दर्शन नहीं हुए। करीब डेढ़ घंटे में यातायात सुचारु हो सका। लोगों ने सामने स्थित चौकी पर जाम खुलवाने की गुहार तक लगाई लेकिन कोई पुलिसकर्मी नहीं आया।
शहर में भी थमी वाहनों की रफ्तार
गढ़-मेरठ रोड, बागपत रोड, दिल्ली रोड व जीरो माइल से मोदीपुरम के बीच वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा। भूमिया पुल, हापुड़ अड्डा, ईव्ज चौराहा, बच्चा पार्क, बेगमपुल, भैंसाली बस अड्डा, रेलवे रोड चौराहा, खैर नगर, घंटाघर आदि स्थानों पर लोगों को जाम से जूझना पड़ा।
पुलिस बोली-जाम नहीं भीड़ थी
जिस जाम के झाम से शहरवासी रोजाना जूझ रहे हैं, पुलिस ने अपने शब्दकोष में उसे भीड़ का नाम दिया है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुनील कुमार का कहना है कि जाम का मतलब घंटों एक ही स्थान पर फंसना होता है। शहर में आबादी व वाहनों की अधिकता है, लिहाजा चौराहों व तंग स्थानों पर भीड़ हो जाती है,इसे जाम नहीं कहा जा सकता।