इसका हमें था इंतजार, दिल्ली रोड पर बनेगा स्पोर्ट्स कॉलेज
शासन की सहमति के बाद कॉलेज के लिए भूमि की तलाश हुई तेज। कृषि विभाग से ली जाएगी 60 एकड़ जमीन, अभिलेखों की जांच को टीम गठित।
मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को मुकाम देने के लिए स्पोर्ट्स कॉलेज का सपना आकार लेने लगा है। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष की पहल पर शासन ने कॉलेज निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। दिल्ली रोड पर नवीन मंडी के सामने कृषि विभाग के कार्यालय के करीब भूमि का चयन कर अभिलेखों की जांच शुरू कर दी गई है।
भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मेरठ में स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना के लिए नंबर 2017 में प्रक्रिया शुरू की थी। इसकी फाइल कई स्तरों पर अटक कर लखनऊ तक पहुंची। अब शासन ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्पोर्ट्स कॉलेज के निर्माण के लिए सहमति जता दी है, लेकिन मामला जमीन को लेकर उलझ गया। शासन ने खेल विभाग के माध्यम से कॉलेज निर्माण के लिए 60 से 100 हेक्टेयर निश्शुल्क जमीन की मांग की, लेकिन इतना बड़ा रकबा खोजने में प्रशासन नाकाम रहा। बाद में खुद डा. वाजपेयी ने ही दिल्ली रोड स्थित नवीन मंडी के सामने कृषि विभाग के पास दो सौ एकड़ भूमि होने के दस्तावेज प्रशासन को उपलब्ध कराए। उधर, स्पोर्ट्स कॉलेज की अटकी फाइल को लेकर मंगलवार को पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एडीएम प्रशासन के पास पहुंचे और प्रक्रिया की जानकारी ली। बाद में शाम चार बजे एडीएम प्रशासन, डा. वाजपेयी, मेरठ विकास प्राधिकरण, तहसीलदार, कृषि विभाग आदि के अधिकारियों के बीच भूमि की उपलब्धता को लेकर मंथन हुआ और अभिलेखों की जांच के लिए टीम भी गठित कर दी गई।
अंग्रेजों ने दी थी जमीन
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने 55 पेज की एक रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी थी। इसके अनुसार अंग्रेजों ने देश छोड़ने से पहले अपने कब्जे वाली भूमि का वितरण किया था। इसमें से दो सौ एकड़ भूमि कृषि विभाग के पास आ गई। अब इस भूमि पर कृषि होती है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार इस भूमि पर स्पोर्ट्स कॉलेज बनाया जाना शहर के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होगा।
भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि दिल्ली रोड पर नवीन मंडी के सामने कृषि विभाग के पास काफी भूमि है। इस भूमि का प्रयोग सिर्फ कृषि के लिए हो रहा है। कॉलेज के लिए यह सबसे उपयुक्त स्थान है।
एडीएम प्रशासन रामचंद का कहना है कि स्पोर्ट्स कॉलेज के लिए भूमि के चयन की प्रक्रिया जारी है। दिल्ली रोड पर कृषि विभाग की भूमि के अभिलेखों की जांच कराई जा रही है। शीघ्र रिपोर्ट आने पर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
एमडीए ने जमीन देने के बजाय कताई मिल की सलाह दी
मेरठ। स्पोर्ट्स कॉलेज के लिए जमीन देने के मामले में एमडीए ने हाथ खड़े कर दिए हैं। कॉलेज के लिए न्यूनतम 60 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जबकि एमडीए ने खोजबीन के बाद यह जवाब दिया कि उसके पास 25 एकड़ जमीन ही उपलब्ध है। एमडीए ने यह सलाह भी दी कि शताब्दीनगर में गगोल रोड पर कताई मिल है। यह मिल बंद है, जिसका क्षेत्रफल 76 एकड़ है। इसलिए शासन स्तर से इस मिल की जमीन को स्पोर्ट्स कॉलेज के लिए हस्तांतरित कराया जा सकता है। इसकी जानकारी जब भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को मिली तो उन्होंने कहा कि एमडीए तो शुरुआत से ही जमीन नहीं देना चाह रहा है।