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जासूसी के आरोपित जवान कंचन की जांच पूरी, सेना जल्द सुनाएगी सजा

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोपित जवान कंचन सिंह की जांच सेना ने पूरी कर ली है। इस मामले में सैन्य अदालत कंचन को जल्द सजा सुना सकती है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 11:31 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 11:31 AM (IST)
जासूसी के आरोपित जवान कंचन की जांच पूरी, सेना जल्द सुनाएगी सजा
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआइओ) के लिए जासूसी के आरोपित सैनिक कंचन के खिलाफ सेना की जांच पूरी हो गई है। मेरठ से लेकर पश्चिमी कमान तक की गई जांच के बाद कंचन को मेरठ छावनी में रखा गया है। सेना की ओर से जांच की सभी रिपोर्ट पश्चिमी कमान और ऊपर के विभागों को भेज दी गई है। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में भारतीय सेना की खुफिया विभाग द्वारा निशानदेही करने के बाद कंचन को गिरफ्तार कर लिया गया था। अब इस मामले में सैन्य अदालत की ओर से जल्द ही सैनिक कंचन को सजा सुनाई जा सकती है। सैन्य अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद कंचन को सजा काटने के लिए सिविल जेल में भेज दिया जाएगा।

हर स्तर पर की गई जांच
जासूसी करने के आरोपित कंचन के खिलाफ सिग्नल रेजिमेंट की यूनिट से लेकर पश्चिमी कमान स्तर की जांच की जा चुकी है। इसमें यूनिट ने अपनी रिपोर्ट दी है। इसके बाद डिविजन की जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट भेजी है। पूछताछ के लिए कंचन को चंडीगढ़ भी ले जाया गया था। इससे पूर्व कंचन को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली सेना की खुफिया विभाग की ओर से भी करीब 60 पन्नों की जांच रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जा चुकी है।
मिलेगा अपील का मौका
सेना की अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद कंचन को सजा के खिलाफ याचिका दायर करने का अवसर मिलेगा। सिविल जेल में सजा काटने के साथ ही परिजन उसकी ओर से उच्च न्यायालय या फिर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सकते हैं। याचिका दायर करने पर सेना की ओर से भी पैरवी की जाएगी और कंचन के खिलाफ सेना के पास उपलब्ध सबूतों को पेश किया जाएगा।
भेजी है सेना की खुफिया जानकारी
सिग्नल रेजिमेंट में कार्यरत कंचन पर सेना के खुफिया दस्तावेज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पीआइओ को भेजने का आरोप है। मेरठ छावनी में एक ब्रिगेड में कार्य करने के दौरान कंचन ने दस्तावेज सोशल मीडिया के जरिए भेजे थे। इसके एवज में उसके खाते में रुपये भी स्थानांतरित हुए। फोन से लगातार पाकिस्तानी नंबरों पर संपर्क में रहने के कारण सेना की खुफिया एजेंसी की ओर से कंचन पर नजर रखी जा रही थी। चार महीने तक नजर रखने के बाद खुफिया एजेंसी की निशानदेही पर उसे पकड़ कर सिग्नल रेजिमेंट के हवाले कर दिया गया।

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