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टोल प्लाजा से रुक-रुककर निकलता रहा ट्रैफिक

सिवाया टोल प्लाजा पर रविवार की अपेक्षा सोमवार को जाम का असर कम रहा। हालाकि दोपहर बाद ट्रैफिक ने रफ्तार पकड़ी और पल्हैड़ा फ्लाईओवर व टोल प्लाजा के दोनों ओर वाहनों की कतार लगनी शुरू हो गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:40 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:40 AM (IST)
टोल प्लाजा से रुक-रुककर निकलता रहा ट्रैफिक

मेरठ, जेएनएन। सिवाया टोल प्लाजा पर रविवार की अपेक्षा सोमवार को जाम का असर कम रहा। हालाकि दोपहर बाद ट्रैफिक ने रफ्तार पकड़ी, और पल्हैड़ा फ्लाईओवर व टोल प्लाजा के दोनों ओर वाहनों की कतार लगनी शुरू हो गई। शाम से रात तक टोल पर ट्रैफिक रुक-रुक कर निकलता रहा। टोल प्लाजा के स्लो सेंसर और हैंड मशीन से ही कर्मचारियों ने टोल फीस वसूली। वीआइपी और एंबुलेंस के लिए चार नंबर लेन निर्धारित की गई थी। हालाकि जब रात में टोल पर वाहनों की संख्या बढ़ी तो चार नंबर लेन को एक घटे के लिए इस्तेमाल कर वाहनों को निकाला गया। दूसरी ओर, जाम और टोल फीस से बचने के लिए अधिकाश गाड़ियां सिवाया कट से ही भराला गाव के रजवाहे की पटरी के रास्ते हाइवे पर पहुंच रही थीं।

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दूसरी ओर, टोल प्लाजा के मैनेजर प्रदीप चौधरी ने बताया कि टोल की 12 लेन फास्टैग की हैं। इनपर जो सेंसर स्लो चल रहे हैं, उनकी सíवस कराई जा रही है। खराब हैंड मशीनों की भी मरम्मत हो रही है। तीन नई हैंड मशीनें खरीदी जा रही हैं। राहगीरों को किसी तरह भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

पहले कटी रसीद, फिर फास्टैग से कटा पैसा

टोल के सेंसर स्लो होने से सिवाया टोल प्लाजा पर राहगीरों की जेब पर दोगुनी मार पड़ रही है। स्लो सेंसर गाड़ी पर लगे फास्टैग से जल्दी कनेक्ट नहीं होते। इससे कर्मचारी नगद पैसे लेकर रसीद काटकर देता है। हालाकि, थोड़ी देर बाद गाड़ी चालक के मोबाइल पर फास्टैग से पैसे कटने का मैसेज आ जाता है। शिकायत करने पर झगड़े की नौबत आ रही है। यह सैकड़ों लोगों के साथ रोज हो रहा है, उत्तराखंड के एक चिकित्सक के साथ भी 21 नवंबर को हुआ।

हुआ यह कि उत्तराखंड निवासी डा. आमोद कुमार 21 नवंबर को उत्तराखंड जा रहे थे। टोल लेन में सेंसर स्लो काम कर रहा था। बाद में कर्मचारी ने हैंड मशीन से फास्टैग चेक किया, मगर वो कनेक्ट नहीं हुआ। टोल कर्मचारी ने सेंसर स्लो और सर्वर डाउन होने की बात कहते हुए 85 रुपये की रसीद काटकर दे दी। टोल प्लाजा को पार करने के कुछ देर बाद आमोद कुमार के मोबाइल पर फास्टैग से कटे 85 रुपये का मैसेज भी आ गया। इसपर हैरान चिकित्सक वापस टोल प्लाजा पहुंचे, और टोल कर्मी से प्रकरण बताते हुए रसीद के रुपये वापस देने को कहा। इसपर कर्मचारी ने आनलाइन रसीद कटने की बात कहते हुए रुपये देने से इंकार कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। बाद में आमोद कुमार को ही वापस जाना पड़ा। इस तरह न जाने कितने लोग होंगे, जिन्हें स्लो सेंसर और खराब-कम हैंड मशीन के चलते दोगुना टोल देना पड़ रहा है। टोल मैनेजर प्रदीप चौधरी ने कहा कि ग्राहक उनसे दफ्तर में मिले, उनका एक पेमेंट वापस कराया जाएगा।

टोल प्लाजा पर मास्क की चेकिंग, काटे चालान

सिवाया टोल प्लाजा पर दौराला पुलिस ने रविवार रात अभियान चलाकर मास्क व हेलमेट न पहनने वालों पर कार्रवाई की। मेरठ से दौराला की ओर जा रहे दोपहिया वाहन, टेंपो चालक और ई-रिक्शा चालकों को रोका, जिनके मुंह पर मास्क और सिर पर हेलमेट नहीं था। उनके चालान किए गए। सभी का पाच-पाच सौ रुपये का चालान काटा गया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर दोबारा मास्क व हेलमेट नहीं पहना तो यह चालान दो हजार रुपये का किया जाएगा।

इंस्पेक्टर दौराला किरन पाल सिंह ने बताया कि करीब दस हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है। मास्क और हेलमेट न पहनने व दोपहिया वाहन पर तीन सवारी बैठने के चार केस दर्ज किए गए हैं।


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