UP Budget 2022-23: योगी सरकार के बजट से मेरठ के उद्योगों, रियल एस्टेट और शिक्षा के क्षेत्र को भी उम्मीदें, क्या पूरी होंगी अपेक्षाएं
UP Budget News प्रदेश सरकार आज पूरक बजट प्रस्तुत करने जा रही है। इस पूरक बजट से मेरठ के उद्यमियों को भी काफी उम्मीदें हैं। इसके लिए शिक्षा क्षेत्र और रियल एस्टेट के लिए अच्छा होने की संभावना है। कई समस्याओं का निदान मिलने की उम्मीद है।
मेरठ, जेएनएन। UP Budget News प्रदेश की योगी सरकार गुरुवार को पूरक बजट प्रस्तुत कर रही है। बजट से समाज के विभिन्न वर्गों को काफी उम्मीदें लगी है। उद्योग जगत को जहां पीएनजी पर अनुदान प्रदान करने के साथ नए उद्योगों के लिए जमीन उपलब्ध कराने की उम्मीद है, वहीं शहर के विकास को लेकर भी लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं। नाला व सीवर से लेकर मल्टीलेवल पार्किंग के संबंध में कुछ खास घोषणा हो जाएं तो शहर के विकास को चार चांद लगे। इसके अलावा चिकित्सा, शिक्षा, व्यापारी वर्ग भी अपनी कुछ खास समस्याओं का निदान पूरक बजट में आज होने वाली घोषणाओं में तलाश रहा है।
उद्यमियों की उम्मीद
- औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए जमीन की जरूरत को पूरा किया जाए।
- खेल इंडस्ट्रीज के लिए यहां टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाएं।
- उद्योगों में प्रयोग होने वाली पीएनजी पर अनुदान प्रदान किया जाए।
- उद्योग लगाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था जनपद में होनी चाहिए।
- एक्सप्रेस वे के साथ नवनिर्मित हाईवे के किनारे उद्योग लगाने के लिए जमीन आवंटित की जाए।
बोले उद्यमी
प्रदेश सरकार से काफी उम्मीद है कि इस बार बजट में मेरठ के उद्यमियों के लिए कुछ खास घोषणा की जाएगी। उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए पिछले काफी समय से मांग की जा रही है। नए उद्योग लगाने के लिए जमीन का आंवटन अधिक जरूरी है।
- डा. रामकुमार गुप्ता, अध्यक्ष, चेंबर आफ कामर्स बांबे बाजार
औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश सरकार को बजट में फंड की व्यवस्था करनी चाहिए। क्योंकि वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति बेहद खराब है। ऐसे ही पीएनजी का प्रयोग करने पर सब्सिडी की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार को करनी चाहिए।
- अनुराग अग्रवाल, डिवीजनल चेयरमैन, आइआइए
शहर के विकास पर हो जोर
- फ्रेश कूड़ा निस्तारण प्लांट और मंगतपुरम में डंप कूड़े के लिए प्लांट के लिए बजट मिलना चाहिए।
- नाला ढकने की मांग लंबे समय से हो रही है। बजट मिले तो खुले जानलेवा नाले ढके जा सकते हैं।
- सीवर लाइन और पेयजल लाइन डालने के लिए बजट का आवंटन किया जाना चाहिए।
- मल्टीलेवल वाहन पार्किंग के लिए भेजे गए 42 करोड़ के प्रस्ताव के लिए बजट आवंटित होना चाहिए।
- गांधी आश्रम से तेजगढ़ी चौराहे तक 46 करोड़ से स्मार्ट रोड बननी है। बजट मिलने की उम्मीद है।
इनका कहना है
सरकार जिस तरह से नगरीय विकास को प्राथमिकता दे रही है। उससे उम्मीद है कि इस बार के बजट में मेरठ के विकास और नगरीय सुविधाओं को बढ़ाने के लिए अच्छा बजट मिलेगा।
- जागेश कुमार, अध्यक्ष उप्र आर्किटेक्ट एसोसिएशन।
शहर के विकास के साथ-साथ मूलभूत सुविधाएं जैसे बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, ट्रैफिक मैनेजमेंट और ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन पर कार्य किया जाना जरूरी है। सरकार से अपेक्षा है कि इसके लिए बजट प्रदान करे।
- अरविंद रस्तोगी, रिटायर्ड चीफ टाउन प्लानर।
रियल एस्टेट को यह है अपेक्षा
- भवन निर्माण की वस्तु सरिया, सीमेंट, डस्ट सहित हर वस्तुओं के भाव कम किए जाएं।
- शहर के रियल एस्टेट को अतिरिक्त छूट मिले, जिससे लागत कम आए।
- हाउसिंग लोन में ब्याज में और छूट होनी चाहिए।- प्रोजेक्ट सही समय पर तैयार हो, इसके लिए बिल्डर्स के लिए नियमों में सरलीकरण किया जाए।
- हाउसिंग प्रोजेक्ट में सरकारी जमीन आने पर सर्किल रेट के अनुसार समायोजन किया जाए।
ये कहते हैं बिल्डर्स
एक्सप्रेस वे के बाद रैपिड के आने से मेरठ संभावनाओं का वाला शहर है, बहुत से लोग दिल्ली से मेरठ आना चाहते हैं। कई बार प्रोजेक्ट में कुछ सरकारी जमीन आती हैं। जिन्हें सर्किल रेट के अनुसार समायोजन करने की प्रक्रिया आसान करनी होगी।
- कमल ठाकुर, विश्वकर्मा इंडस्ट्रीयल रियल एस्टेट
मेरठ हर तरह की कनेक्टिविटी में तेजी से बढ़ रहा है।निर्माण सामग्री बढ़ने की वजह से बिल्डिंग की लागत बढ़ी है। निर्माण सामग्री में कमी होने से रियल एस्टेट के साथ ग्राहकों को भी सीधे लाभ पहुंचेगा।
- वरुण अग्रवाल, एमडी, एडको डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड
शिक्षा और युवा को यह है अपेक्षा
- नई शिक्षा नीति के तहत स्किल कोर्स, ट्रेनिंग सेंटर और खुलने चाहिए।
- शोध के लिए सरकार को फंड बढ़ाने की जरूरत है, जिससे गुणवत्तापरक शोध हों।
- कालेजों में 50 फीसद से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, उस दिशा में प्रबंध होना चाहिए।
- युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जाए, कौशल विकास के केंद्र खोले जाएं।
- राजकीय इंटर कालेजों के इंफ्रास्ट्र्चर सही करने के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए बजट का प्रविधान हो।
शिक्षाविद और युवा बोले
नई शिक्षा नीति में कई नए कोर्स शुरू किए गए हैं। कालेजों में उसके लिए अभी व्यवस्था नहीं बन पाई है। ट्रेनिंग सेंटर के लिए बजट बढ़ाने की जरूरत है। जिससे इसका क्रियान्वयन सही तरीके से हो सके।
- प्रो. शिवराज सिंह पुंडीर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय
युवाओं को सरकार से रोजगार की अपेक्षा है। आर्थिक रूप से कमजोर हर वर्ग के प्रतियोगी छात्र को निश्शुल्क कोचिंग का प्रबंध किया जाना चाहिए। कौशल विकास के लिए केंद्र खुलने चाहिए।
- प्रिंस अग्रवाल, प्रतियोगी छात्र
स्वास्थ्य क्षेत्र की अपेक्षाएं
- मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी-पीएचसी तक 40 प्रतिशत चिकित्सक व स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। लंबे समय से रिक्त पदों को भरने की मांग हो रही है।
- ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे, जिला अस्पताल में सिटी स्कैन समेत अन्य जांच की अत्याधुनिक मशीनों की जरूरत है। इनके लिए बजट की मांग है।
-ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों के विस्तार और चिकित्सकों के आवास बनाने की आवश्यकता है। यह मांग भी अक्सर होती रही है। ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों की दशा सुधारने की जरूरत है।
इनका कहना है
चिकित्सकों को ग्रामीण क्षेत्र में रुकने की सुविधा अच्छी देनी होगी। मेडिकल कालेज में एम्स जैसे उपचार की सुविधाएं मिलें। ताकि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मरीज को दिल्ली न जाना पड़े। सरकार से यही अपेक्षा रखते हैं।
- डा. शिशिर जैन, उपाध्यक्ष,उप्र नर्सिंग होम एसोसिएशन।
जितना ज्यादा बजट मेडिकल सेक्टर को सरकार देगी उतनी ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं होंगी। सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधाएं बढ़ाने, स्टाफ की कमी दूर करने की जरूरत है। मेरठ पश्चिमी उप्र का हब है। उम्मीद करते हैं कि सरकार अपेक्षाएं पूरी करेगी।
- डा. रेनू भगत, अध्यक्ष आइएमए, मेरठ।