Indian Military Academy: सेना में अफसर बने मेरठ के होनहार युवा, पढि़ए कैसे मिली प्रेरणा और कैसे किया लक्ष्य हासिल
इंडियन मिलिट्री एकेडमी में शनिवार को टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के अंतर्गत सेना में अफसर बनकर शामिल हुए युवाओं में मेरठ के भी दो युवक अफसर बने हैं। जानिए इनकी सफलता की कहानी।
मेरठ,जेएनएन। इंडियन मिलिट्री एकेडमी में शनिवार को टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के अंतर्गत सेना में अफसर बनकर शामिल हुए युवाओं में मेरठ के भी दो युवक अफसर बने हैं। शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड में 333 युवा सैन्य अधिकारी बने हैं। मेरठ में कंकरखेड़ा सैनिक विहार के रहने वाले लेफ्टिनेंट पीयूष कुमार को सिग्नल कोर में तैनाती मिली है। वहीं मेहरौली के रहने वाले लेफ्टिनेंट अक्षय कुमार को आर्मी सेना कोर में शामिल किया गया है। इस साल कोरोना महामारी के चलते अभ्यर्थियों के माता-पिता व अन्य स्वजनों को आइएमए की पासिंग आउट परेड में आमंत्रित नहीं किया गया था। न ही युवा अफसरों को इस बार पासिंग आउट परेड के बाद छुट्टी ही दी गई है। लेफ्टिनेंट अक्षय और पीयूष दोनों ही आइएमए से ही अपनी-अपनी यूनिट में पो¨स्टग में चले जाएंगे। बेटे की सफलता पर न पहुंच पाने का स्वजनों को दुख जरूर है, लेकिन सुरक्षा के महत्व को देखते हुए दूर से गौरवान्वित होकर आशीर्वाद दे दिया है।
दूसरी पीढ़ी के सैन्य अफसर बने पीयूष
लेफ्टिनेंट पीयूष कुमार मूल रूप से सहारनपुर जिले की नकुड़ तहसील के सहसपुर जट गांव के निवासी हैं और प्रतिष्ठित पूर्व प्रधान स्व. किशन सिंह के सुपौत्र हैं। इनके पिताजी सूबेदार मेजर अजय कुमार भी सेना शिक्षा कोर से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह जूनियर कमीशन अधिकारी (शिक्षा अनुदेशक) थे। छोटा भाई ऋतभ कुमार भी एमआइईटी से कंप्यूटर साइंस से बीटेक (फाइनल) कर रहा है। वह भी सेना में ही जाने की तैयारी कर रहे हैं। लेफ्टिनेंट पीयूष कुमार ने भी एमआइईटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने। टीसीएस व विप्रो सहित तीन कंपनियों के प्लेसमेंट में चयनित होने के बाद भी परिवार की परंपरा के अनुसार द्वितीय पीढ़ी का सैन्य अधिकारी बनना उचित समझा। सेना में अफसर बनकर ले. पीयूष ने बागपत जिले के दाहा गांव निवासी अपने नानाजी चौ. चरण सिंह की इच्छा पूरी की। स्कूल तक की पढ़ाई में मां अलका चौधरी का विशेष योगदान रहा है। स्कूल/कॉलेज में खेल-कूद तथा अन्य गतिविधियों जैसे- सामूहिक नृत्य, नाटक, भाषण व प्रतियोगिताओं में सदैव बढ़-चढ़कर भाग लिया।
बड़े भाई को अफसर देख अक्षय भी बढ़े आगे
महरौली गांव के किसान देवेंद्र सिंह के पुत्र ले. अक्षय कुमार को सेना में अफसर बनने की प्रेरणा उनके बड़े भाई मेजर अभिनव सिंह से मिली। अक्षय के अनुसार शिवाजी कॉलोनी रजबन निवासी ताऊ के बड़े बेटे मेजर अभिनव भी टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के तहत बीटेक के बाद वर्ष 2010 में कमीशन हुए थे। उन्हें सेना की यूनिफॉर्म में देखने के बाद ही अक्षय ने भी इसी रास्ते चलने का मन बनाया। देखते ही देखते अभिनव के छोटे भाई कैप्टन रोहन सिंह भी सेना में शामिल हो गए। अक्षय कुमार की पासिंग आउट परेड में देहरादून में ही तैनात मेजर अभिनव सिंह पत्नी आराधना के साथ शामिल हुए और ले. अक्षय की पी¨पग की। ले. अक्षय ने वर्ष 2014 में दीवान पब्लिक स्कूल इंटरनेशनल से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एमआइईटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। टीजीसी के तहत वर्ष 2019 में आइएमए में कोर्स के लिए चयनित हुए। ले. अक्षय कुमार अपनी सफलता का श्रेय मां सीमा सिंह व पिता देवेंद्र सिंह को देते हैं। उनके सहयोग और बड़े भाइयों के मार्गदर्शन से ही वह लक्ष्य हासिल करने में सफल रहे।
बुलंदशहर के प्रवीण का लेफ्टिनेंट पद पर चयन
बुलंदशहर के आहार थाना क्षेत्र के मोहरसा गांव निवासी शिव कुमार शर्मा के पुत्र प्रवीण कुमार शर्मा का चयन एनडीए परीक्षा पास करने पर लेफ्टिनेंट पद पर हुआ है। प्रवीण के पिता किसान हैं। प्रवीण अपने मामा से प्रेरित होकर सेना में भर्ती हुए हैं। उनके तीन मामा सेना में हैं। प्रवीण शादीशुदा हैं और इनका पांच वर्ष का पुत्र भी है। प्रवीण की कामयाबी पर परिवार के सभी सदस्य काफी खुश हैं।