Meerut Lockdown Day 4: वर्क फ्रॉम होम का बढ़ा क्रेज, इंटरनेट ट्रैफिक को निर्बाध रखने के लिए सीओएआइ की पहल Meerut News
Meerut Lockdown Day 4 नेटवर्क विश्लेषक के अनुसार आम कार्य दिवस की तुलना में लॉकडाउन शुरू होने के बाद फिलहाल 15 से 22 फीसद इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ गया है।
मेरठ, [अमित तिवारी]। Meerut Lockdown Day 4 लॉकडाउन के दौर में वर्क फ्रॉम होम के कारण हर कोई इंटरनेट की मदद से काम कर रहा है। ऐसे में हर टेलीकॉम कंपनी के तकरीबन सभी यूजर लगातार ऑनलाइन रह रहे हैं। जरूरी काम के अलावा भी लोग घर पर वीडियो गेम और वीडियो स्ट्रीमिंग कर रहे हैं जिससे जरूरी सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट कनेक्शन की स्पीड धीमी पड़ जा रही है। देश भर में 69 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपभोक्ता हैं। नेटवर्क विश्लेषक के अनुसार आम कार्य दिवस की तुलना में लॉकडाउन शुरू होने के बाद फिलहाल 15 से 22 फीसद इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ गया है। जरूरी सेवाओं के लिए पर्याप्त इंटरनेट स्पीड मिलती रहे इसके लिए सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआइ) ने भारत सरकार से दिशा निर्देश जारी करने के साथ ही वीडियो स्ट्रीमिंग में एचडी क्वालिटी के स्थान पर एसडी क्वालिटी देने का आह्वान किया जिसका सभी सर्विस प्रोवाइडर अनुशरण भी कर रहे हैं।
वीडियो क्वालिटी कम करने को बोला
डाटा कम्यूनिकेशन सेवाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए सीओएआइ ने भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन के सचिव को वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनियों के लिए दिशा निर्देश जारी करने का आग्रह किया है। साथ ही कंपनियों से भी सीधे संपर्क कर वीडियो स्ट्रीमिंग की क्वालिटी को कम कर इंटरनेट ट्रैफिक को सुचारु रखने में मदद करने को कहा गया है। इंटरनेट ट्रैफिक पर दबाव कम रहने से लॉकडाउन के समय जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में सहुलियत होगी।
एसडी क्वालिटी का किया वीडियो
वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनियों में अमेजन प्राइम वीडियो, यू-ट्यूब, हॉटस्टार, जी5, एएलटी बालाजी, वूट, सोनीलिव, विउक्लिप, होइचोइ, नेटफ्लिक्स, सन नेटवर्क आदि हैं। सीओएआइ के आग्रह पर गूगल ने यू-ट्यूब पर सभी वीडियो की डिफॉल्ट स्ट्रीमिंग हाई डेफिनिशन यानी एचडी के स्थान पर स्टैंडर्ड डेफिनिशन यानी एसडी कर दिया गया है। नेटफ्लिक्स ने इंटरनेट ट्रैफिक पर 25 फीसद तक कम असर डालने वाले उपाय किए हैं। होइचोइ व अमेजन ने भी वीडियो क्वालिटी कम कर दी है।
ऐसे बाधित होती है इंटरनेट ट्रैफिक
लॉकडाउन के समय हर कोई घर पर है और हर समय इंटरनेट से जुड़ा है। सोशल मीडिया के साथ ही लोग वीडियो स्ट्रीमिंग और डाउनलोड भी अधिक कर रहे हैं। इसी समय वर्क फ्रॉम होम के कारण कार्यालयों के सभी जरूरी काम भी लोग घरों से ही कर रहे हैं। जरूरी फाइलें इंटरनेट के जरिए ही ई-मेल से भेजनी पड़ती हैं। इसमें इंटरनेट स्पीड अच्छी होनी चाहिए। आपके क्षेत्र में लगे मोबाइल टॉपर से ही डाटा और वॉयस सिग्नल मिलता है। ऐसे में हर किसी के अत्यधिक इंटरनेट इस्तेमाल करने से इंटरनेट ट्रैफिक पर असर पड़ता है। टॉवर से निकट वालों को अच्छी जबकि दूर होते-होते अत्यधिक ट्रैफिक से सिग्नल कमजोर पड़ जाते हैं। आप किसी भी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का सिम क्यों न इस्तेमाल कर रहे हों, असर सभी पर पड़ेगा।
यह होती है टेलीडेंसिटी
टेलिडेंसिटी यानी दूरसंचार घनत्व एक किलोमीटर यानी एक हजार मीटर के रेडियस में मोबाइल सिम या इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या है। इंटरनेट में ओवरऑल दूरसंचार घनत्व जहां 89 फीसद है वहीं शहरी क्षेत्रों में 156 फीसद है। ग्रामीण क्षेत्रों का घनत्व 57 फीसद ही है।
मेरठ में 28 लाख से अधिक मोबाइल यूजर, 75 हजार पोस्ट पेड उपभोक्ता
दिसंबर 2019 की ट्राई डाटा के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुल 83.77 मिलियन यानी 8,37,70,000 मोबाइल उपभोक्ता हैं। इनमें से मेरठ जिले में चार प्रमुख टेलिकम सर्विस प्रोइडर्स के करीब 28, 37,728 उपभोक्ता हैं। इनमें एयरटेल के करीब नौ लाख प्री-पेड व 50 हजार पोस्ट पेट ग्राहक हैं। इसी तरह वोडोफोन-आइडिया के करीब साढ़े आठ लाख प्री-पेड व करीब 75 हजार पोस्ट पेड उपभोक्ता हैं। जियो के करीब छह लाख प्री-पेड, बीएसएनएल के 3,55,743 प्री-पेड व 6,985 पोस्ट-पेड उपभोक्ता हैं। बीएसएनएल के 23,506 लैंडलाइन उपभोक्ता हैं। बीएसएनएल ने लॉकडाउन के दौरान लैंडलाइन वाले ग्राहकों को एक महीने तक हर दिन पांच जीबी इंटरनेट पांच एमबीपीएस स्पीड के साथ निश्शुल्क देने की घोषणा की है।
ऐसे समझें और एहतियात बरतें
घरों में लोग वाई-फाई या हॉटस्पॉट इस्तेमाल करते हैं। एक साथ कई यूजर एक ही नेटवर्क से जुड़े रहते हैं। इसमें वीडियो स्ट्रीमिंग, वीडियो गेम, सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन गाने सुनना और घर से ऑफिस का काम भी चल रहा है। एक-दो ऐसे भी मोबाइल होते हैं जिनमें कुछ न हो फिर भी वाई-फाई से जुड़े रहते हैं। ऐसे में ऑफिस के काम से यदि कोई जरूरी ई-मेल या हैवी फाइल भेजनी हो तो उसमें अधिक समय लगता है। इसलिए जरूरी हो तभी मोबाइल को इंटरनेट से जोड़े। काम और मनोरंजन साथ करने से बचें। ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग ऑफिस ऑवर में करने से बचें।
इनका कहना है
इन दिनों इंटरनेट ट्रैफिक पर अत्यधिक दबाव है। लोग घर से ही काम कर रहे हैं। घर पर रहने के दौरान इंटरनेट ही मनोरंजन का भी सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। इसीलिए डोओटी से गाइडलाइन जारी करने के साथ ही वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनियों से भी बेहतर डाटा कम्यूनिकेशन सेवाओं को बरकरार रखने में मदद मांगी गई है। कंपनियों ने भी अपनी वीडियो क्वालिटी कम करनी शुरू की है। आशा है इस दिशा में कुछ और कदम उठाए जा सकेंगे।
- राजन मैथ्यू, महानिदेशक, सीओएआइ