फोन पर बढ़ा लोड कम कर रहा इंटरनेट स्पीड
लॉकडाउन में हर काम इंटरनेट से हो रहा है। ऑफिस का काम हो या फिर स्कूल कॉलेज विश्वविद्यालय कोचिंग इंस्टीट्यूट आदि की पढ़ाई भी इंटरनेट इंटरनेट के जरिए ही ऑनलाइन चल रही है। इसीलिए इन दिनों इंटरनेट की स्पीड भी काफी कम हो गई है। वहीं रात के समय इंटरनेट की स्पीड काफी अच्छी मिल रही है।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन में हर काम इंटरनेट से हो रहा है। ऑफिस का काम हो या फिर स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कोचिंग इंस्टीट्यूट आदि की पढ़ाई भी इंटरनेट इंटरनेट के जरिए ही ऑनलाइन चल रही है। इसीलिए इन दिनों इंटरनेट की स्पीड भी काफी कम हो गई है। वहीं, रात के समय इंटरनेट की स्पीड काफी अच्छी मिल रही है।
मल्टी नेशनल कंपनियों से जुड़े अधिकतर आइटी प्रोफेशनल्स रात में ही काम करते हैं इसलिए उन्हें दिक्कत कम होती है। उनके अलावा भी अब इंटरनेट पर बड़ी फाइल अपलोड करने और भेजने के लिए लोग देर रात से सुबह तक काम कर रहे हैं।
अपने डिवाइस की सेहत का भी रखें ख्याल
मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट आदि डिवाइस लगातार इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। इन उपकरणों पर आप जितने भी पेज खोलते हैं वह सब कैस फाइन बनकर मेमोरी में सेव होते रहते हैं। विशेष तौर पर इंटरनेट सर्फिंग के दौरान हर पेज ब्राउजर हिस्ट्री में जमा होता है। इससे उपकरण के रैम की मेमोरी कम होती है और उपकरण की स्पीड कम होने लगती है। उपकरण की स्पीड कम होने से इंटरनेट की स्पीड भी कम हो जाती है। वहीं मोबाइल फोन पर जिन मोबाइल एप्लीकेशनों का काम नहीं है वह भी बैकग्राउंड में चलते हुए डाटा का इस्तेमाल करते रहते हैं। इससे मोबाइल के जरूरी एप धीमी स्पीड से काम करने लगते हैं और मोबाइल डाटा भी अधिक खर्च होता है।
रात तक आधी रह जाती है स्पीड
इन दिनों इंटरनेट का लोड काफी बढ़ा हुआ है। टीवी सीरियल से लेकर पढ़ाई, सर्चिग, नेटवर्किंग के कामकाज की वजह से सुबह से रात तक स्पीड काफी कम रहता है। उदाहरण के तौर पर लें तो सिविल एकेडमी के अभिषेक शर्मा ने इंटरनेट के फेर में दिनचर्या बदल दी है। कोचिंग संस्थान के लिए लेक्चर का वीडियो अपलोड करना होता है। शुरुआत उन्होंने की तो दिन में छह घंटे तक लग जाते थे। वहीं अब आधी रात के बाद तीन-सवा तीन घंटे में अपलोड हो जाता है। इस वजह से वह रातभर काम करते हैं और दिन में सोते हैं। ऐसे और भी कई उदाहरण हैं। यह उपाय बढ़ाएंगे उपकरण व इंटरनेट की स्पीड
-मोबाइल, टैबलेट आदि से कैस मेमोरी को डिलीट करते रहें।
-हर दिन ब्राउजिंग हिस्ट्री हर दिन क्लीयर करना न भूले।
-अपने मोबाइल या अन्य उपकरण का रैम जितना संभव हो खाली रखें।
-मोबाइल में गैर जरूरी एप्लीकेशनों को डिलीट कर दें।
-मोबाइल के साथ मिले एप जो डिलीट न हो उन्हें सेटिंग में जाकर डिजेबल कर दें।
-नए एंड्रॉयड फोन में 'फोकस मोड' भी आ रहे हैं, उसका इस्तेमाल करें।
-फोकस मोड में जरूरी एप को ही बैकग्राउंड में संचालन की अनुमति दे सकते हैं।
-इस मोड में अन्य सभी एप्लीकेशन बैकग्राउंड में निष्क्रिय रहते हैं।
-इंटरनेट बूस्टर एप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इनका कहना है..
-शाम को छह से रात 11 बजे तक सबसे ज्यादा इंटरनेट ट्रैफिक रहता है। रामायण, महाभारत सहित अन्य कार्यक्रमों के दौरान स्पीड कम मिलने लगी है। हम लोग रात को 11 बजे के बाद या फिर सुबह तीन से सात बजे तक काम करते हैं जिसमें इंटरनेट की स्पीड सबसे अच्छी मिल रही है।
-गुनीत सिंह बुद्धिराजा, आइटी विशेषज्ञ -इंटरनेट पर रात में ही काम ठीक से हो पा रहा है। ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करने से अधिक मदद मिल रही है। मोबाइल में जिसके पास पोस्टपेड कनेक्शन है उसका इंटरनेट बहुत अच्छा चल रहा है। प्री-पेड में सभी कंपनियों की इंटरनेट स्पीड इन दिनों धीमी चल रही है।
-प्रणव भारद्वाज, वेब डेवलपर