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बहादरपुर में बुजुर्गो के साथ युवा भी खेती में अजमा रहे हाथ

एक गांव मवाना से सात किलोमीटर दूर परीक्षितगढ़ मार्ग स्थित गांव बहादुरपुर है। मुख्य व्यवसाय खेती होने के बावजूद यहां के लोग शिक्षक पुलिस आर्मी समेत उच्च पदों पर आसीन है। इतना ही दिल्ली की प्रथम महिला आटो चालक सुनीता चौधरी इस गांव निवासी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 04:00 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:04 AM (IST)
बहादरपुर में बुजुर्गो के साथ युवा भी खेती में अजमा रहे हाथ
बहादरपुर में बुजुर्गो के साथ युवा भी खेती में अजमा रहे हाथ

मेरठ, जेएनएन। ग्रामीण अंचल में युवा बुजुर्गों के साथ खेती-बाड़ी में हाथ बंटाने के साथ शिक्षित होकर अपना करियर भी बना रहे हैं। ऐसा ही एक गांव मवाना से सात किलोमीटर दूर परीक्षितगढ़ मार्ग स्थित गांव बहादुरपुर है। मुख्य व्यवसाय खेती होने के बावजूद यहां के लोग शिक्षक, पुलिस, आर्मी समेत उच्च पदों पर आसीन है। इतना ही दिल्ली की प्रथम महिला आटो चालक सुनीता चौधरी इस गांव निवासी है।

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मवाना-परीक्षितगढ़ मार्ग पर स्थित बहादरपुर गांव जाट बाहुल्य है। लगभग 5 हजार की आबादी वाले इस गांव करीब 70 प्रतिशत जाट और शेष में अन्य जातियां निवास करती हैं। यहां का मुख्य व्यवसाय खेती है। गांव में बच्चों की शिक्षा के लिये एक प्राथमिक विद्यालय व एक जूनियर हाईस्कूल है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मेरठ मंडल मीडिया प्रभारी चौ. जितेंद्र पाल ने बताया कि उनके पिता नैपाल सिंह में 1995 से 2000 तक गांव के प्रधान रहे हैं। उन्हीं के कार्यकाल में उन्होंने सांसद रहे स्व. ठाकुर अमरपाल सिंह व परीक्षितगढ़ ब्लाक प्रमुख रहे सरजीत सिंह से मिलकर गांव में जूनियर हाईस्कूल की स्थापना करायी थी। इसकी बाउंड्रीवाल भी करायी गई। गांव में मुख्य व्यवसाय खेती है। नैपाल सिंह के अलावा गांव में कंवरपाल सिंह, राजबीर सिंह, महिला रीता चौधरी, कृष्णपाल वाल्मीकि भी प्रधानी कर चुके हैं और गांव के विकास को गति प्रदान की। वर्तमान वेद प्रकाश ग्राम प्रधान है।

शिक्षा के साथ अन्य उच्च पदों पर है गांव के लोग

इस गांव के बलराम सिंह कृषि मंत्रालय दिल्ली में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर सेवारत है। वहीं महाराणा प्रताप इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य रणपाल सिंह के पुत्र पंकज निर्माण विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर है। जबकि कृषक इंटर कालेज से से सेवानिवृत चौ. बलजोर की पुत्री ज्योति पुलिस विभाग में आगरा में बतौर दारोगा तैनात हैं।

50 लोग पुलिस व आर्मी में है सेवारत

खुशीराम व सरदार ओमवीर सिंह ने बताया कि गांव में 2012 से अब तक गांव के 50 युवा अब तक पुलिस व आर्मी में भर्ती हो चुके हैं। जबकि लगभग 30 युवा अपने बुजुर्गों के साथ खेती-बाड़ी में हाथ बंटाने के साथ ही पुलिस व आर्मी में भर्ती के लिये अपनी तैयारी भी कर रहे हैं।

घोड़े पर नामांकन को पहुंची थीं सुनीता

गांव में किसान परिवार में जन्मी दिल्ली की प्रथम महिला आटो चालक सुनीता चौधरी बताती हैं कि 6 अगस्त 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के लिये उन्होंने घोड़े पर सवार होकर संसद पहुंचकर नामांकन भी किया था। सुनीता बताती हैं कि उन्हें दिल्ली की प्रथम महिला आटो चालक के रूप में 2016 में राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। राजा नैन सिंह से रहा है गांव का जुड़ाव

ग्राम प्रधान वेद प्रकाश बताते हैं कि गांव बहादरपुर का जुड़ाव गुर्जर सम्राट राजा नैन सिंह से रहा है। राजा नैन सिंह ने पंजाब के राजा रहे राजा रणजीत सिंह के सैनिकों को बुलाया था। उन सैनिकों ने राजा नैन सिंह का सहयोग किया था। उस समय उन सैनिकों को बहादुर बताते हुए गेहूं की बाल से स्वागत किया गया था। इसलिये इस गांव का नाम बहादरपुर पड़ा है।


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