पीड़ितों की सेहत में सुधार, छह और लौटे घर
जहरीली शराब के पीड़ितों की सेहत में सुधार होने से चिकित्सीय अमला भी राहत महसूस कर रहा है। मंगलवार को छह पीडि़तों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि दस पीड़ित अभी भी इलाज पर हैं।
मेरठ। जहरीली शराब के पीड़ितों की सेहत में सुधार होने से चिकित्सीय अमला भी राहत महसूस कर रहा है। मंगलवार को छह पीडि़तों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि दस पीड़ित अभी भी इलाज पर हैं।
मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी से मंगलवार को जहरीली शराब के पीड़ित गघोला निवासी धरम सिंह, सिकड़ी नागल के नीरज, बौद्धनगर के लीलू, सलेमपुर नागल के सुभाष और अरुण, कैलाशपुर के अरुण का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद चिकित्सकों ने डिस्चार्ज कर दिया, जबकि ओमी और जगतू दो पीड़ित सोमवार को डिस्चार्ज किए गए थे। वहीं, गागलहेड़ी का 55 वर्षीय इंदर पाल, कपासी नागल का 50 वर्षीय धूम सिंह, गागलहेड़ी का 48 वर्षीय सूरज पाल, खेड़ामुगल का 40 वर्षीय देशराज और मंझोल का 35 वर्षीय अमन कुमार का उपचार ट्रामा आइसीयू में ही चल रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक इन पीड़ितों की हालत में भी पहले से सुधार देखा जा रहा है। इमरजेंसी वार्ड में भर्ती प्रवीण, संजय, श्रवण, बृजेश, वेदपाल और नीरा का उपचार चल रहा है। घर वापसी करने वाले पीड़ितों को चिकित्सकों ने शराब न पीने का संकल्प दिलाया। कहा कि शराब पीने से जिंदगी खतरे में पड़ गई थी। किसी तरह जान बची है तो अब जिंदगी को अच्छे कायरें में लगाएं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने पीड़ितों से उनका हाल जाना। उपचार की जानकारी ली। जिन मरीजों की आंखों में रोशनी धूमिल हो गई है। उनका उपचार और जांचे मंगलवार को भी कराई गई। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर पीड़ितों और परिजनों के चेहरे पर खुशी थी।
पूर्व मंत्री ने की मुलाकात
समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री रहे सुधाकर कश्यप मेडिकल इमरजेंसी पहुंचे। सीएमएस डॉ. धीरज राज के साथ जहरीली शराब के पीड़ितों से मिले। एक-एक मरीज की जानकारी ली। परिजनों को मदद का भरोसा दिया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता भी इसी बीच आ गए। प्राचार्य से पूरी स्थिति के बारे में जानकारी ली। बताया गया कि नौ डॉक्टरों की टीम चिकित्सीय सेवाएं मुहैया कराने में जुटी है।