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अवैध किताबों का कारोबार : NCERT के कुछ अधिकृत प्रिंटर्स भी होंगे ब्लैकलिस्ट, हो रही गोपनीय जांच Meerut News

मेरठ में अवैध किताब प्रकरण में भाजपा नेता संजीव गुप्ता और भतीजा सचिन गुप्ता का कनेक्शन कई अधिकृत प्रिंटिंग प्रेस से होना भी पाया गया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 11:30 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 01:27 PM (IST)
अवैध किताबों का कारोबार : NCERT के कुछ अधिकृत प्रिंटर्स भी होंगे ब्लैकलिस्ट, हो रही गोपनीय जांच Meerut News

मेरठ, जेएनएन। अवैध किताब प्रकरण में भाजपा नेता संजीव गुप्ता और भतीजा सचिन गुप्ता का कनेक्शन कई अधिकृत प्रिंटिंग प्रेस से होना भी पाया गया है। एनसीईआरटी ने उन प्रिंटिंग प्रेस की पुलिस से सूची मांगी है ताकि उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए। जांच में यह भी पता चला है कि कुछ प्रिंटिंग प्रेस को एक तरह की किताब छापने की अनुमति थी, वहां एनसीईआरटी का पूरा कोर्स छापा जा रहा था। एनसीईआरटी की विजिलेंस टीम भी गोपनीय तरीके से जांच कर रही है। अवैध ढंग से किताबों की छपाई करने वाले प्रिंटर्स की सूची भी तैयार कर ली गई है। जल्द ही उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।

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एनसीईआरटी के अधिकृत प्रेस

पुलिस की जांच में सामने आया है कि टीएनएचके प्रिंटर्स स्वामी संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता अन्य प्रिंटिंग प्रेस से भी किताबें छपवा रहे थे। इनमें कुछ एनसीईआरटी के अधिकृत प्रेस भी हैं। संजीव और सचिन उक्त प्रिंटिंग प्रेस को 50 जीएसएम का कागज पहुंचा देते थे, जिस पर वह किताब तैयार कर देते थे। किताबों की मांग अधिक होने की स्थिति में यह कदम उठाया जाता था।

वाट्सएप से पूछा, कहां सक्रिय हुआ नंबर

एसटीएफ और परतापुर पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद मुख्य आरोपित संजीव गुप्ता, सचिन गुप्ता, विकास त्यागी और नफीस अभी पुलिस पकड़ से दूर हैं। पुलिस ने अब वाट्सएप को पत्र लिखकर पूछा है कि संजीव और सचिन ने कहां-कहां से वाट्सएप कॉल की है। उनकी सक्रियता कहां रही है। दोनों नए-नए मोबाइल नंबरों से वाट्सएप पर कॉल कर रहे हैं।

एनबीडब्ल्यू लेगी पुलिस

पुलिस ने शुक्रवार को चाचा-भतीजे के खिलाफ वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा का कहना है कि सोमवार को दोनों के खिलाफ अदालत से एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) जारी करा लिया जाएगा। उसके बाद घर पर नोटिस चस्पा किया जाएगा फिर कुर्की की कार्रवाई के लिए अर्जी लगाई जाएगी।

इनका कहना है

दोनों मुख्य आरोपितों की वाट्सएप लोकेशन की जानकारी जुटाई जा रही है। हर रोज दोनों वाट््सएप नंबर बदल देते हैं। सर्विलांस के अलावा मुखबिरी के आधार पर भी पुलिस दोनों की तलाश कर रही है। उम्मीद है जल्द सफलता मिलेगी।

- अजय साहनी, एसएसपी


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