'तकनीक से दूर हुए तो बन जाएंगे डायनासोर'
तकनीक ने दुनिया को करीब कर दिया है। हम आज के समय में तकनीक से दूर नहीं रह सकते। तकनीक से दूर हुए तो डायनासोर बन जाएंगे। यह डिजिटल कायाकल्प की दुनिया है जैसे उड़ीपायी नामक व्यक्ति ने तकनीक का इस्तेमाल कर यूट्यूब पर अपना एक छत्र स्पेस बनाया। हमें याद रखना होगा वह अकेला व्यक्ति है।
मेरठ, जेएनएन। तकनीक ने दुनिया को करीब कर दिया है। हम आज के समय में तकनीक से दूर नहीं रह सकते। तकनीक से दूर हुए तो डायनासोर बन जाएंगे। यह डिजिटल कायाकल्प की दुनिया है, जैसे उड़ीपायी नामक व्यक्ति ने तकनीक का इस्तेमाल कर यूट्यूब पर अपना एक छत्र स्पेस बनाया। हमें याद रखना होगा वह अकेला व्यक्ति है। यह कहना है भारतीय भाषाएं माइक्रोसाफ्ट के निदेशक बालेंदु शर्मा दाधीच का। जो सीसीएसयू के हिदी विभाग की ओर से आयोजित वेब गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
जूम एप और फेसबुक लाइव पर वह गुरुवार को कामकाज का बदलता स्वरूप और हिदी तकनीक पर बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि ई-सीरीज यूट्यूब का सबसे ज्यादा देखे जाने वाला चैनल है। अगर हम कंपनियों द्वारा बनाई गई टेक्नोलॉजी का प्रयोग ही नहीं करते तो उनके विकास का कोई औचित्य नहीं है। माइक्रोसॉफ्ट विडो को पूरी तरह हिदी में प्रयोग कर सकते हैं। तकनीक ने हिदी के नए क्षेत्रों में रोजगार के अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक अपनाने में थोड़ी असहजता होती है, लेकिन धीरे-धीरे हम तकनीकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। तकनीकी हमारे लिए हर कदम पर सहायक होती है। उन्होंने हिदी में आई नई तकनीक को भी विस्तार से बताया। प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए। पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन से हिदी में टाइप का तरीका बताया। अध्यक्षता करते हुए प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला ने कहा कि हिदी को अभी और विकास की आवश्यकता है।
संचालन कर रहे हिदी विभागाध्यक्ष प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि तकनीक के स्तर पर हमें लगातार सीखना है, ताकि छात्र लाभान्वित हो सके। वेब गोष्ठी में दुनिया के पांच देशों और 18 राज्यों से प्रतियोगी कार्यक्रम से जुड़ें। सीसीएसयू के शिक्षक, छात्र-छात्राएं भी इसमें प्रतिभागी रहे।