तीन राज्यों के ठग चला रहे हैं सैकड़ों फर्जी कॉल सेंटर
मेरठ (पंकज तोमर)। फर्जी कॉल सेंटरों के विरुद्ध एसटीएफ की साइबर टीम और पुलिस का रुख सख्त
मेरठ (पंकज तोमर)। फर्जी कॉल सेंटरों के विरुद्ध एसटीएफ की साइबर टीम और पुलिस का रुख सख्त हो गया है। दिल्ली में हुई 250 करोड़ रुपये की ठगी के बाद अलर्ट हुई अफसरशाही ने सेंटर संचालकों को सलाखों के पीछे भेजने की ठान ली है। अब एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि दिल्ली के बाद मेरठ और गाजियाबाद में सबसे अधिक फर्जी कॉल सेंटर चल रहे हैं, जिनके पीछे तीन राज्यों के ठगों का गठजोड़ है।
उप्र एसटीएफ की साइबर टीम ने मंगलवार को शहर के कई स्थानों पर दबिश दी। तीन युवकों को हिरासत में लिया, जिनसे पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, चार दिन पूर्व दिल्ली में पकड़े गए आरोपितों ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्यों को उजागर किया है। उनका कहना है कि मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, बरेली, अलीगढ़, आगरा, हरियाणा के नजफगढ़, सोनीपत, रोहतक, सिरसा, भिवानी, दिल्ली के लक्ष्मी नगर, जनकपुरी, सिटी सेंटर नोएडा में अभी भी उप्र, हरियाणा व दिल्ली के कई बड़े ठग घर-घर में सैकड़ों फर्जी कॉल सेंटर चला रहे हैं। यहां से मोबाइल डाटा चोरी कर विभिन्न कंपनियों को बेचा जाता है।
यहां भोले हैं लोग
मेरठ और गाजियाबाद में सबसे अधिक ठगी विवाह विज्ञापन, विभिन्न इंश्योरेंस, ई-कॉमर्स, ऑनलाइन शॉपिंग, लॉटरी, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट और एटीएम ब्लॉक होने आदि की जाती है। यहां के भोले लोग भी ठगों के झांसे में आ जाते हैं। सूत्रों की मानें तो इस गठजोड़ को तोड़ने के लिए लखनऊ एसटीएफ की साइबर टीम कई दिन से मेरठ में धरपकड़ कर रही है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।
बेरोजगार भी बनते हैं शिकार
फर्जी कॉल सेंटरों को चलाने के लिए बेरोजगार युवक-युवतियों को 15 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने का झांसा देकर नौकरी दी जाती है। एक-दो माह पगार नहीं दी जाती और फिर कॉल सेंटर का साजो-सामान रातोंरात कहीं और भिजवा दिया जाता है।
एएसपी-एसटीएफ साइबर त्रिवेणी सिंह का कहना है कि फर्जी कॉल सेंटर चलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अभी जांच चल रही है, जल्द बड़ा राजफाश हो सकता है। वहीं आइजी मेरठ रामकुमार के मुताबिक फर्जी कॉल सेंटर संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती रहती है। कहीं कोई फर्जी सेंटर नहीं चलने देंगे।