आखिर कैसे थमे फ्लाईओवर पर हादसे : निरीक्षण करने में ही निकल गया एक माह, प्रस्ताव कैसे तैयार करेंगे अफसर Meerut News
मुख्य सड़कों पर फ्लाईओवर के मामलों में अफसरों की उदासीनता का हाल यह है कि एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी फ्लाईओवर का प्रस्ताव तैयार नहीं हो सका है।
मेरठ, जेएनएन। मुख्य सड़कों पर फ्लाईओवर के मामलों में अफसरों की उदासीनता का हाल यह है कि एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी बागपत रोड स्थित मलियाना फ्लाई ओवर का प्रस्ताव तैयार नहीं हो सका है। सेतु निगम और लोक निर्माण विभाग एक दूसरे को जिम्मेदार बताकर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। हाल यह है कि 16 जून को मलियाना फ्लाई ओवर से ट्रक नीचे गिरने के बाद अभी तक मरम्मत के लिए कागजी कार्रवाई शून्य ही बता रही है। अधिकारियों ने मौके पर निरीक्षण करने में ही एक माह गंवा दिया। प्रस्ताव तो बनकर तैयार हुआ नहीं, उधर दूसरी पुल से ट्रक नीचे गिरने की दुर्घटना हो गई। पूरे मामले को लेकर दोनों विभाग ढुलमुल रवैया ही अपना रहे हैं। मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग ने सेतु निगम से ठेकेदार मांगा है। जिससे यह कार्य कराया जाएगा।
सड़क के नवीनीकरण से खत्म हो गया फुटपाथ
मलियाना फ्लाई ओवर का निर्माण करीब 31 वर्ष पूर्व हुआ था। उस समय फ्लाई अोवर में फुटपाथ बनाने का प्रावधान था। इसलिए फ्लाई ओवर निर्माण में फुटपाथ और रेलिंग भी शामिल की गई थी। सड़क से फुटपाथ की ऊंचाई करीब एक फुट थी। लेकिन कई बार नवीनीकरण होने के कारण सड़क व फुटपाथ का फासला बेहद कम हो गया है और दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कार्यदायी संस्था के तौर पर फ्लाई ओवर का निर्माण सेतु निगम ने किया था। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग को मरम्मत आदि की जिम्मेदारी सौंप दी गई।
तीन ब्रैकेट और रेलिंग टूटी, ओवरहैंग भी बाहर
मौजूद हालात में मलियाना फ्लाई ओवर शहर का सबसे पुराना फ्लाई ओवर माना जा रहा है। हाल ही में दो दुर्घटनाओं ने अधिकारियों की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है। दोनों दुर्घटनाओं में रेलिंग तोड़कर ट्रक नीचे गिर चुके हैं। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, मलियाना फ्लाई ओवर की तीन ब्रैकेट टूट चुकी हैं। जिन्हें तकनीकी रूप से जोड़ने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसके अलावा ओवरहैंग बाहर की तरफ निकले हुए हैं। जिससे फ्लाई ओवर वाहनों के लिए मुसीबत बन सकता है। रेलिंग भी क्षतिग्रस्त है।
इनका कहना है
मलियाना फ्लाई ओवर की मरम्मत के लिए लखनऊ से तकनीकी जानकारी मांगी जा रही है। प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजना हमारी जिम्मेदारी है। सेतु निगम के साथ निरीक्षण हो गया है। प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
- अरविंद कुमार, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग
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सेतु निगम ने कार्यदायी संस्था के तौर पर फ्लाई ओवर का निर्माण किया था। इसके बाद लोक निर्माण विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया। रखरखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है। मरम्मत कार्य के लिए प्रक्रिया जारी है।
- एसके अग्रवाल, सहायक अभियंता, उप्र राज्य सेतु निगम