एशियन चैंपियनशिप के टिकट को दौड़ लगाएंगे घोड़े
थाइलैंड के पटाया में दिसंबर में होने जा रही एशियन घुड़सवारी चैंपियनशिप के लिए दूसरी क्वालीफायर ट्रायल 25 से 30 अगस्त तक छावनी स्थित आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में होगी।
मेरठ, जेएनएन : थाइलैंड के पटाया में दिसंबर में होने जा रही एशियन घुड़सवारी चैंपियनशिप के लिए दूसरी क्वालीफायर ट्रायल 25 से 30 अगस्त तक छावनी स्थित आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में होगी। इसमें घुड़सवारी की अंतरराष्ट्रीय संस्था फेडरेशन इक्वेस्टर इंटरनेशनेल यानी एफईआइ क्वालीफायर में सीसीआइ टू-स्टार शॉर्ट व लांग, शो-जंपिंग व ड्रेसाज के इवेंट होंगे। इनके अलावा एईएफ यानी एशियन इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन यंग जूनियर राइडर जंपिंग चैलेंज क्वालीफायर इवेंट होंगे।
दौड़ में 15 टीमें, 50 घोड़े
एशियन घुड़सवारी प्रतियोगिता के लिए पहला ट्रायल जयपुर में हुआ था। पहले ट्रायल में दमदार प्रदर्शन के साथ आरवीसी के राइडर व घोड़े प्रथम स्थान पर रहे। अब दूसरे ट्रायल में देश भर से सेना व सिविलियन राइडर्स हिस्सा लेंगे। दूसरे ट्रायल के लिए करीब 15 टीमें और 50 घोड़े पंजीकृत हैं। टीम व व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में घुड़सवार हिस्सा लेंगे। यह टीमें इवेंटिंग में क्रॉस कंट्री, ड्रेसाज और शो-जंपिंग में हिस्सा लेंगी।
क्षेत्रीय प्रतियोगिता से शुरू होगा इवेंट
एशियन चैंपियनशिप के ट्रायल के साथ ही रीजनल इक्वेस्ट्रियन लीग का आयोजन भी किया जा रहा है। पहले दिन की प्रतियोगिता रीजनल इक्वेस्ट्रियन लीग के नोविस जंपिंग, ग्रेड-थ्री जंपिंग, जूनियर जंपिंग और चिल्ड्रन व जूनियर ड्रेसाज के साथ शुरू होगी। इसके बाद सभी क्वालीफायर इवेंट होंगे। रीजनल लीग की इस प्रतियोगिता में कम घुड़सवार हिस्सा लेने आ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण 14 सितंबर से आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में ही इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया की घुड़सवारी प्रतियोगिताओं का आयोजन है। उसमें देश भर के अधिकतर सेना व सिविल घुड़सवार हिस्सा लेंगे।
दो सर्वश्रेष्ठ ट्रायल पर होगा चयन
पटाया में पांच से 12 दिसंबर तक होने जा रहे एशियन चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम के चयन के लिए कुल तीन ट्रायल होंगे। पहला ट्रायल जयपुर में इसी महीने चार को पूरा हुआ। दूसरा ट्रायल 25 से 30 अगस्त तक आरवीसी में होगा। तीसरा ट्रायल भी आरवीसी में ही 14 से 25 सितंबर तक होगा। तीनों ट्रायल में से दो ट्रायल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले घुड़सवारों व घोड़ों को इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारी भारतीय टीम के लिए चुनेंगे। टीम में चयनित घोड़ों को प्रतियोगिता में जाने तक आरवीसी के सुरक्षित आर्मी नोड में रखा जाएगा। वहीं ट्रेनिंग होगी।