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थाने में ¨हदू संगठनों का बवाल, इंस्पेक्टर से अभद्रता

जागरण संवाददाता, मेरठ : ¨हदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने में जमकर हंगामा कि

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Nov 2017 03:08 AM (IST)Updated: Sun, 19 Nov 2017 03:08 AM (IST)
थाने में ¨हदू संगठनों का बवाल, इंस्पेक्टर से अभद्रता
थाने में ¨हदू संगठनों का बवाल, इंस्पेक्टर से अभद्रता

जागरण संवाददाता, मेरठ :

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¨हदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने में जमकर हंगामा किया। इंस्पेक्टर से अभद्रता की गई। सारा हंगामा एक आटो चालक के बेटे को हवालात में डालने को लेकर हुआ। बजरंग दल कार्यकर्ता उसे छोड़ने को कह रहे थे। विवाद के दौरान इंस्पेक्टर ने यहां तक कह दिया कि मैं सस्पेंड होने से नहीं डरता। थाने में हंगामा बढ़ते देख अफसर बैकफुट पर आ गए और आटो चालक के बेटे को छोड़ दिया गया।

हुआ यह था

शनिवार की सुबह 11 बजे बजरंग दल कार्यकर्ता विपिन शाक्य के पिता आटो लेकर कमिश्नरी आवास चौराहे से जा रहे थे। यातायात पुलिसकर्मियों ने आटो रोक कागजात दिखाने को कहा। कागजात नहीं होने पर चालक ने बेटे विपिन को बुला लिया। विपिन ने खुद को बजरंग दल कार्यकर्ता कहकर कागजात दिखाने से इन्कार कर दिया। विपिन ने यातायात पुलिसकर्मियों को धमकाया,इस पर पुलिस ने उसे दो थप्पड़ मार दिए। विवाद इतना बढ़ा कि पुलिसकर्मी आटो के साथ विपिन को उठाकर पुलिस लाइन ले गए। एचसीपी पुष्पेंद्र, नरेश चंद और सिपाही ललित ने विपिन की पिटाई कर सिविल लाइन थाने में दे दिया। ललित की ओर से पुलिस से मारपीट और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर विपिन को हवालात में डाल दिया।

इंस्पेक्टर से बढ़ा विवाद तो थाने में जमकर हुआ बवाल

सीएम की सभा समाप्त होने के बाद बजरंग दल के बलराज डूंगर कार्यकर्ताओं के साथ वापस लौट रहे थे। विपिन के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए बलराज डूंगर से शिकायत की। बलराज डूंगर ने इंस्पेक्टर सिविल लाइन अमरेश को काल की। जिस पर इंस्पेक्टर ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। थाने पहुंचकर देख लेंगे। इसी बात से क्षुब्ध होकर बलराज डूंगर कार्यकर्ताओं के साथ सिविल लाइन थाने पहुंच गए। हवालात में बैठे विपिन को छुड़वाने लगे। तभी इंस्पेक्टर और बलराज डूंगर की जमकर बहस हुई। इंस्पेक्टर ने कहां कि मुझे यहां रहना नहीं है। सस्पेंड करा सकते तो करा दो। लेकिन विपिन नहीं छोड़ा जाएगा। इंस्पेक्टर से जमकर धक्का-मुक्की हुई और गिरेबान तक पर हाथ लगाया गया। सीओ और एसपी सिटी मौके पर पहुंच गए। तब भी कार्यकर्ता शांत होने का नाम नहीं ले रहे थे। एसपी सिटी को यहां तक कहना पड़ा कि क्या अब इंस्पेक्टर को गोली मार दूं।

मुकदमे के बाद भी थाने से छोड़ा :

विपिन के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज था। तब भी एसपी सिटी ने उसे परिजनों के सुपूर्द कर दिया। कहा गया कि पुलिस पर किए हमले और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मुकदमे में जांच की जा रही है। सबूत मिला तो विपिन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इंस्पेक्टर को निकाय चुनाव के बाद रिलीव करने का आश्वासन भी दिया। विपिन की ओर से एचसीपी पुष्पेंद्र, नरेश चंद और सिपाही ललित के खिलाफ सिविल लाइन थाने में तहरीर दी गई।

बजरंग दल कार्यकर्ता हैं तो बिना कागजात चलाइए आटो

चालक से कागजात चेक करने पर जमकर बवंडर हो गया। पुलिस की गलती यह है कि चालक के बेटे को थप्पड़ जड़ दिए। पर उससे पहले चालक के बेटे ने पुलिस को भी धमकी दी। यहां तक कहा कि उनके आटो के कागजात चेक करने की हिम्मत किसी अफसर में नहीं है। इसके बाद थाने में जो हुआ वह कानून हाथ में लेने वाली बात थी। यह प्रवृत्ति भीड़ के बल पर इंसाफ करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाली है। बलराज डूंगर से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि पुलिस को कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करनी चाहिए।

बड़े-बड़े बोल

पहले ही अंगुली काट चुके हैं,अब तो हमारी सरकार है

सुदर्शन चक्र ने कहा कि अब तो हमारी सरकारी है। सपा सरकार में भी अंगुली तक काट चुके हैं। अब पुलिस को हमारी सुननी ही पड़ेगी। हमें कप्तान से बात करने की जरुरत तक नहीं है।

सस्पेंड होने से मैं नहीं डरता

इंस्पेक्टर अमरेश ने कहा कि सस्पेंड होने से मैं नहीं डरता हूं। किसी के दबाव में काम नहीं करुंगा। मुझे कौन यहां से हटवा सकता है। मुझे यहां से लखनऊ जाना ही है। एसपी सिटी के सामने भी इंस्पेक्टर कार्यकर्ताओं से भिड़ते रहे।


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