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हिंदी शिक्षक को बनाया अंग्रेजी का परीक्षक

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की वर्ष 2020 का मूल्यांकन सोमवार को शुरू हुआ। मेरठ परिक्षेत्र के अंतर्गत चार मंडलों के 17 जिलों में 60 मूल्याकन केंद्रों पर कॉपिया जाची जा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 06:08 AM (IST)
हिंदी शिक्षक को बनाया अंग्रेजी का परीक्षक
हिंदी शिक्षक को बनाया अंग्रेजी का परीक्षक

मेरठ, जेएनएन : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की वर्ष 2020 का मूल्यांकन सोमवार को शुरू हुआ। मेरठ परिक्षेत्र के अंतर्गत चार मंडलों के 17 जिलों में 60 मूल्याकन केंद्रों पर कॉपिया जाची जा रही हैं। इनमें हाईस्कूल मूल्यांकन में 1,926 डिप्टी हेड एग्जामिनर यानी डीएचई और 19,053 सहायक परीक्षक नियुक्त किए गए हैं। परिक्षेत्र के अंतर्गत हाईस्कूल की कुल कॉपिया 43,23,464 हैं। वही 12वीं में 1,182 डीएचई और 11,029 सहायक परीक्षक नियुक्त हुए हैं। 12वीं की कुल कॉपिया 29,25,201 है।

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मेरठ में पाच मूल्याकन केंद्र

मेरठ में पांच मूल्याकन केंद्र बने हैं। जीआइसी मेरठ व राम सहाय इंटर कॉलेज में 12वीं व एसडी सदर, सेंट जोजफ और केके इंटर कॉलेज में 10वीं की कापियों का मूल्यांकन होगा। मेरठ में कुल 6,10,534 कापियां मूल्यांकन के लिए आई हैं। पहले दिन मूल्याकन केंद्रों पर परीक्षकों की उपस्थिति काफी कम रही। डिप्टी हेड एग्जामिनर्स ने ही कुछ कापियों का मूल्यांकन किया।

गलत विषय का बनाया परीक्षक

परीक्षक नियुक्ति में कई गड़बड़ी देखने को मिल रही है। हिंदी विषय के परीक्षक को अंग्रेजी विषय और अंग्रेजी विषय के परीक्षक को हिंदी विषय का परीक्षक बना दिया गया। ऐसे सभी शिक्षक मूल्याकन केंद्रों पर संशोधन करा रहे हैं। वहीं कला के परीक्षक को भी हिंदी परीक्षा बना दिया गया है। यह गड़बड़ी स्कूल स्तर पर हुई हैं। हर साल नौवीं और 11वीं के बच्चों के रजिस्ट्रेशन के साथ ही शिक्षकों के नाम, उनकी योग्यता, विषय भी ऑनलाइन अपडेट होता है। इसमें गलत जानकारी भरने पर ही गलत विषय के परीक्षक नियुक्त हो जाते हैं।

डिबार शिक्षकों का भी जारी हुआ नियुक्ति पत्र

मूल्याकन केंद्रों पर कुछ ऐसे भी परीक्षक पहुंचे जिन्हें परिषद ने डिबार किया है। बावजूद इसके उन्हें परीक्षक नियुक्त किया गया है। जबकि नियुक्ति पत्र में भी यह बात स्पष्ट रूप से लिखी गई है कि यदि शिक्षक डिबार है तो उन्हें मूल्याकन या परीक्षा कार्य में न लगाया जाए।

नहीं जाच पाएंगे 45-50 से अधिक कॉपी

यूपी बोर्ड ने मूल्याकन में सख्ती करते हुए अधिकतम कॉपी जाचने की संख्या निर्धारित कर दी है। इंटरमीडिएट में एक परीक्षक एक दिन में 45 उत्तर पुस्तिका और हाईस्कूल में एक दिन में एक परीक्षक 50 से अधिक कॉपी का मूल्याकन नहीं कर सकते हैं। यह कापिया भी उन्हें आधी-आधी दो पारियों में मिलेंगी।

यह रही मूल्याकन केंद्रों की स्थिति

केके इंटर कॉलेज, दिल्ली रोड

डीएचई : 58 में 30 उपस्थित

सहायक परीक्षक : 578 में 300 उपस्थित

उत्तर पुस्तिका : 1,38,000

सनातन धर्म इंटर कॉलेज, सदर

डीएचई : 47 में 32 उपस्थित

सहायक परीक्षक : 464 में 318 उपस्थित

उत्तर पुस्तिका : 1,20,000

सेंट जोजफ इंटर कॉलेज, कैंट

डीएचई : 52 में 43 उपस्थित

सहायक परीक्षक : 516 में 279 अनुपस्थित

उत्तर पुस्तिका : 1,19,534

राम सहाय इंटर कॉलेज, गढ़ रोड

डीएचई : 57 में 34 उपस्थित

सहायक परीक्षक : 540 में 324 उपस्थित

उत्तर पुस्तिका : 1,33,000

राजकीय इंटर कॉलेज

डीएचई : 42 में 32 उपस्थित

सहायक परीक्षक : 431 में 244 उपस्थित

उत्तर पुस्तिका : एक लाख


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