सहारनपुर से अब स्पष्ट दिख रहीं हिमालय की चोटियां, मुजफ्फरनगर व बिजनौर से भी दिखा नजारा Meerut News
अब स्पष्ट हिमालय के वर्फीली पर्वत श्रृंखलाएं दिखनी शुरू हो गई है। साथ ही बिजनौर और मुजफ्फरनगर से भी शिवालिक पवर्त श्रृंखला दिख रही है। आइएफएस अधिकारी ने ट्वीट किया है।
जेएनएन, मेरठ। लॉकडाउन के बीच वायु प्रदूषण न्यूनतम स्तर पर आने से सहारनपुर व मुजफ्फरनगर से हिमालय व शिवालिक श्रृंखला की चोटियां साफ नजर आने लगी हैं। रविवार को आंधी-बारिश के बाद मौसम साफ हुआ तो ऐसी चोटियों को कैमरे में कैद किया गया। हालांकि यह पूरी तरह साफ नहीं हो सका कि ये किस श्रृंखला की हैं।
स्पष्ट दिख रहीं हैं पर्वत श्रृंखला
रविवार को तीसरी बार मौसम साफ होने के बाद सहारनपुर से हिमालय की चोटियां कैमरे में कैद की गईं। बताया जा रहा है कि यह यमुनोत्री की पहाडिय़ां हैं। फोटोग्राफी के शौकीन बाजोरिया रोड निवासी डा. विवेक बनर्जी बताते हैं कि उन्होंने घर की तीसरी मंजिल से स्वयं नार्थ ईस्ट दिशा में चमकती हुई पहाडिय़ों को कैमरे में कैद किया। कहा कि अनुमान है कि चकराता की पहाडिय़ों के ऊपर यमुनोत्री की बर्फीली पहाडिय़ां हैं।
इन्होंने खींची है तस्वीर
आयकर अधिकारी दुष्यंत कुमार सिंह ने भी अपने कैमरे में रविवार को हिमालय की पहाडिय़ों को कैद किया। दुष्यंत सिंह के अनुमान के अनुसार चकराता से ऊपर की ओर गंगोत्री यमुनोत्री पर्वत श्रृंखला की बंदरपूंछ आदि की पहाडिय़ां साफ दिखाई दे रही हैं। यह चोटियां करीब 200 किलोमीटर दूर हैं, जिनका एरियल डिस्टेंस 145 किमी है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अनुसार हवाओं की गुणवत्ता में करीब 35 फीसद तक सुधार है। वन संरक्षक वीके जैन बताते हैं कि प्रदूषण में भारी कमी के कारण ही हिमालय की चोटियां नजर आने लगी हैं।
मुजफ्फरनगर से दिखा शिवालिक पर्वत श्रृंखला
मुजफ्फरनगर वन विभाग की हैदरपुर झील के निकट से शिवालिक पर्वत श्रृंखला की चोटियां दिखाई दीं। जानसठ क्षेत्र से कोटद्वार की चोटियां दिखीं। यहां से कोटद्वार की सड़क से दूरी 100 किलोमीटर है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अनुमान है, स्पष्ट नहीं है कि ये मौन सी पर्वत श्रंखला की चोटियां हैं। बिजनौर के नगीना व चांदपुर से कालागढ़ की शिवालिक श्रृंखला की चोटियां देखी गईं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि ये चोटियां कौन सी हैं। यहां से एरियल डिस्टेंस करीब 60 किलोमीटर बताया जा रहा है।