मेरठ में लॉकडाउन में अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त, आवास विकास से तीन सप्ताह में जवाब मांगा
मेरठ में लॉकडाउन के दौरान नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध निर्माण किए गए। हाईकोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट में दाखिल की एक याचिका पर आवास विकास परिषद से तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।
मेरठ, जेएनएन। आवास विकास परिषद में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। लॉकडाउन की अवधि में हुए निर्माण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हाईकोर्ट ने इस मामले में पक्ष रखने के लिए परिषद के अधिकारियों को तीन सप्ताह का समय दिया है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में लॉकडाउन अवधि में परिषद की कालोनियों में 150 अवैध निर्माणों की बात कही है।
शमन योजना 2020 में भू उपयोग परिवर्तन कर किए निर्माणों को कोई राहत नहीं दी गई है। सेंट्रल मार्केट की अधिकांश दुकानें आवासीय भूखंड पर बनी हैं। वर्ष 2014 में और वर्ष 2017 में हाईकोर्ट ने ऐसे निर्माणों पर नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसमें ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी शामिल है। याचिकाकर्ता राहुल राणा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेशों का लगातार उल्लंघन हो रहा है।
आवास विकास परिषद की कालोनियों में दो हजार से अधिक अवैध निर्माण चार साल पहले चिन्हित किए गए थे। उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। लॉकडाउन के समय में इनमें और तेजी आ गई है। सेंट्रल मार्केट समेत जगह-जगह आवासीय भूमि और मकानों में दुकानें और कांप्लेक्स बनाए गए हैं। कुछ का निर्माण अब भी जारी है। बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान परिषद की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं ने इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने तीन सप्ताह बाद सुनवाई की तिथि निश्चित की है।