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Budget 2021: मनी लांड्रिंग एक्ट से पसोपेश में मेरठ के सराफा व्यापारी, कारोबारियों को बजट से राहत की उम्मीद

कोरोना काल में व्यापारियों को बजट से बड़ी आशाएं हैं। व्यापारिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए व्यापारी बजट में रियायतों की उम्मीद लगाए हुए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते कई महीने प्रतिष्ठान बंद रहे हैं। वर्ष 2021 की बजट से राहत की उम्‍मीद है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 12:31 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 12:31 PM (IST)
मेरठ के व्‍यापारियों को बजट 2021 से राहत की उम्‍मीद।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना काल में व्यापारियों को बजट से बड़ी आशाएं हैं। व्यापारिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए व्यापारी बजट में रियायतों की उम्मीद लगाए हुए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते कई महीने प्रतिष्ठान बंद रहे हैं। वर्ष 2021 में मनी लांड्र‍िंग एक्ट में सराफा को शामिल किए जाने से जनपद के ज्वैलर्स व्यापारी पसोपेश में हैं। मेरठ के ज्वैलरी सेक्टर में डेढ़ से दो लाख जुड़े हैं, जिसमें व्यापारी से लेकर कारीगर तक सब शामिल हैं।

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मेन्युफैक्चरिंग हब होने के कारण देश के विभिन्न भागों से लोग प्राइमरी गोल्ड देकर यहां पर गहने तैयार कराते हैं। यहां से देश के हर कोने में ज्वैलरी की सप्लाई होती है। शुक्रवार को दैनिक जागरण ने सुनिये वित्त मंत्री जी के कालम के तहत शहर के ज्वैलरी व्यापारियों से बात की। सरकार को मेटल पर टैक्स कम करना चाहिए। मेटल सोना-चांदी तो व्यापारी जीएसटी चुका कर लाता है। हम उस पर दस्तकारी या डिजायनिंग करते हैं। सरकार को मेटल पर टैक्स न लेकर दस्तकारी पर टैक्स लेना चाहिए।

-विजय आनंद अग्रवाल, महामंत्री, मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन

कोरोना काल में व्यापार प्रभावित हुआ है। सरकार को इनकम टैक्स और जीएसटी में रियायत देनी चाहिए। मनी लांङ्क्षड्रग एक्ट में सर्राफा व्यवसाय को शामिल करना उचित नहीं है। ज्वैलरी भारत में मात्र आभूषण ही नहीं है बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है।

-अभिषेक जैन, तनिष्क ज्वैलर्स

मेरठ में ज्वैलरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ज्वैलरी पार्क की स्थापना हो। ज्वैलरी कारीगरों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होनी चाहिए।

-आलोक प्रकाश, अलंकार ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड

सोने पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत किया जाना चाहिए। आयात शुल्क घटाने से ही मेरठ से ज्वैलरी का निर्यात करना संभव होगा।

-डा. संजीव अग्रवाल, अध्यक्ष युनाइटेड ज्वैलर्स एंड मेन्युफैक्चर्स फेडरेशन

सराफा व्यापारियों की प्रमुख मांगें

-आयात शुल्क और जीएसटी में कमी की जाए।

-20 कैरेट ज्वैलरी को हालमाॢकंग मिले।

-आभूषण निर्माण हस्तकला के तहत आता है। केवाइसी की सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए।

-ज्वैलरी पार्क कामन फैसिलिटेशन सेंटर बने, जहां जेम्स एंड डायमंड टेस्टिंग लैब की सुविधा हो।

-आभूषण निर्माण इकाई लगाने वाले युवा उद्यमियों को विशेष ऋण योजना का लाभ दिया जाना चाहिए।

-वन प्रोडक्ट वन डिस्ट्रिक्ट के तहत ज्वैलरी सेक्टर को शामिल किया जाए।

-आभूषण कारीगरों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का लाभ दिया जाना चाहिए। 


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