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Health Tips: तनाव को दूर रखती है यह खास उपाय, बनाती है आपको अंदर से मजबूत

कोविड की दूसरी लहर में बहुत से लोगों ने अपनों को खोया है। संक्रमण की लहर अब थम गई है लेकिन उसका असर लोगों के मनस्‍थिति पर अब भी है। शहर में मनोचिकित्‍सक के यहां ऐसे तनाव ग्रस्‍त मरीजों की संख्‍या अचानक से बढ़ गई है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 10:03 AM (IST)
Health Tips: तनाव को दूर रखती है यह खास उपाय, बनाती है आपको अंदर से मजबूत
ये खास उपाय आपको तनाव से दूर रख सकती है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। कोविड की दूसरी लहर में बहुत से लोगों ने अपनों को खोया है। संक्रमण की लहर अब थम गई है, लेकिन उसका असर लोगों के मनस्‍थिति पर अब भी है। शहर में मनोचिकित्‍सक के यहां ऐसे तनाव ग्रस्‍त मरीजों की संख्‍या अचानक से बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार अब धीरे- धीरे स्‍थिति सामान्‍य हो रही है तो लोगों को भी भय छोड़कर अपने मनोबल को मजबूत बनाए रखना चाहिए।

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मनोचिकित्‍सक डा. सम्‍यक जैन बताते हैं कि कोरोना के बाद लोगों के मानसिक स्‍थिति पर बहुत असर पड़ा है। तनाव अपने उच्‍च स्‍तर पर पहुंच चुका है। अभी दो दिन पहले एक महिला अपने दो किशोर उम्र के बच्‍चों को लेकर आईं थी। एक माह पहले कोरोना की वजह से बच्‍चों के पिता की डेथ हो गई थी। एक माह से रात- रात भर दोनों बच्‍चे रोते रहते हैं। कोरोना की वजह से अपनों को गंवाने वाले, बिजनेस में नुकसान होने की वजह से तनाव, अवसाद की स्‍थिति बढ़ी है। जो लोग कोरोना से लड़ते हुए ठीक हुए हैं, वह अब तीसरी लहर की आशंका से भयभीत दिख रहे हैं। ऐसे लोगों में घबराहट अधिक है। वह इस आशंका से ग्रसित हैं कि कहीं फिर से कोरोना न हो जाए।

बच्‍चों में चिड़चिड़ापन बढ़ा

आनलाइन पढ़ाई और लगातार घर में रहते हुए बच्‍चों के व्‍यवहार पर ही भी असर दिखने लगा है। डा. सम्‍यक जैन के मुताबिक बच्‍चों का लाकडाउन अभी भी नहीं खुला है, ऐेसे में उन पर भी व्‍यापक प्रभाव है। बहुत से बच्‍चों में चिड़चिड़ापन, गुस्‍सा, सिरदर्द की शिकायत आ रही है।

काउंसिलिंग है जरूरी

डा. सम्‍यक जैन कहते हैं कि इस समय पैरेंट्स को बच्‍चों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए। उन पर पढ़ने के लिए बहुत अधिक प्रेशर मत डाले। ऐसे लोग जिनके अपने कोरोना से चले गए उन्‍हें परिवारिक और सामाजिक सपोर्ट की जरूरत है। सकारात्‍मक सोच के साथ लोगों को योग, प्राणायाम भी करना चाहिए। फिर भी अगर अवसाद और तनाव की स्‍थिति नहीं सुधरती है तो दवा और काउंसिलिंग भी जरूरी है।

तनाव से बचने के लिए ये करें

- अफवाह से दूर रहें।

- इंटरनेट मीडिया पर कामेडी या पाजिटिव प्रोग्राम देखें।

- भ्रामक खबरों से दूर रहें, तो विश्‍वसनीय स्रोत है उसे ही माने।

- योग, प्राणायाम व शारीरिक व्‍यायाम से खुद को फिट रखें। 


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