Hariom Suicide Case: आखिरकार मानसी ने दर्ज कराया बयान,अतुल भटनागर को ही पिता की मृत्यु का दोषी ठहराया Meerut News
Hariom Suicide Case मानसी ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। बयान में शेयर होल्डर और सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल भटनागर को एक बार फिर अपने पिता की मृत्यु का दोषी ठहराया।
मेरठ, जेएनएन। Hariom Suicide Case हरिओम आनंद आत्महत्या प्रकरण में गुरुवार को एसएसआइ वरुण शर्मा ने मानसी के आवास पर जाकर बयान लिया। मानसी ने बयान में शेयर होल्डर और सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल भटनागर को एक बार फिर अपने पिता की मृत्यु का दोषी ठहराया। उन्होंने बयान में शेयरधारक जीएस सेठी पर आरोप लगाया कि 2018 में उन्होंने 6.25 लाख के शेयर सही कीमत से खरीदे थे। लेकिन अब तक केवल एक तिहाई रकम का ही भुगतान किया गया है। हालांकि मानसी ने यह नहीं स्पष्ट किया कि रकम कितनी बकाया है और कितना भुगतान किया गया था।
हरिओम को शेयरधारक धमका रहे
उन्होंने ललित भारद्वाज पर भी आरोप लगाया कि हरिओम आनंद ने उनसे पैसे उधार लिए थे, बदले में शेयर गिरवी रखे थे। बेचे नहीं थे। ललित से कितना पैसा कितना लिया गया था या कितने शेयर गिरवी रखे गए थे, इसकी जानकारी नहीं दी गई। मानसी ने यह भी आरोप लगाया कि, अस्पताल बेचने के लिए उनके पिता का अंगूठा तक लगा लिया गया। उन्होंने एक ऑडियो सौंपी जिसमें दावा किया गया है कि हरिओम को शेयरधारक धमका रहे हैं। उन्होंने इसके अलावा बाकी पुराने आरोपों को भी दोहराया। मानसी के आरोपों पर ललित भारद्वाज ने फिलहाल कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। जीएस सेठी से संपर्क नहीं हो सका। अतुल कृष्ण पर भी सुभारती में एक तिहाई हिस्सा न देने का आरोप लगाया। एक बार फिर मानसी ने बयान में निर्मल शर्मा हत्याकांड का जिक्र किया और कहा कि निर्मल उनके पिता के एकाउंटेंट थे, जिनकी हत्या अतुल कृष्ण ने करा दी थी। शेयरधारक शुक्रवार को बयान दर्ज करा सकते हैं।
फार्म हाउस पर तैनात कर्मचारी के बयान दर्ज
फार्म हाउस पर तैनात कर्मचारी सरदार सुरेश चंद्र ने गुरुवार को थाने पहुंचकर बयान दर्ज कराए। सुरेश ने बताया कि हरिओम आनंद ने उससे सिर्फ पानी मांगा था। सुरेश ने कहा कि उसे सल्फास की कोई जानकारी नहीं। पुलिस सूत्रों के अनुसार हरिओम आनंद को मुरलीपुर ले जाने वाले चालक फारुख उर्फ फकरुद्दीन के बयान दोबारा दर्ज किए जाएंगे। साथ ही करीबी नौकर ऋषिपाल के भी बयान दर्ज होंगे। चालक सोनू को भी शुक्रवार को बयान के लिए बुलाया गया है। माना जा रहा है कि मानसी आनंद के बयानों के बाद तीनों को क्रास कराकर तथ्य जानने की कोशिश होगी। इधर, हरिओम का मोबाइल एसपी सिटी से विवेचक ने अपने कब्जे में ले लिया है।
अतुल कृष्ण ने विवेचक को दिए जवाब
सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर ने बताया कि मानसी आनंद ने एफआइआर में तीन आरोप लगाए हैं, जिसका बिंदुवार जवाब विवेचक को दिया गया है। उन्होंने हरिओम आनंद के ट्रस्टी पद से हटने से लेकर केस वापस लेने और उनका पैसा ब्याज समेत लौटाए जाने के बारे में दस्तावेज भी उपलब्ध कराए। अतुल ने कहा कि यही वजह है कि 14 साल तक हरिओम ने कोई पैसा नहीं मांगा। उनकी वजह से हरिओम के डिप्रेशन में आने के मानसी के आरोप पर अतुल ने कहा कि मानसी बताएं कि हम कहां और कब मिले। उसके बाद इसका भी जवाब दिया जाएगा।
इनका कहना है
पुलिस की तरफ से विवेचना जारी हैं, बुधवार को पीडि़त पक्ष के बयान दर्ज किए गए है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस सभी तथ्यों की गहनता से जांच कर रही है। पूरे मुकदमे की निष्पक्ष विवेचना होगी। कोई भी बेगुनाह जेल नहीं जाएगा।
- अजय कुमार साहनी, एसएसपी
सीबीआइ जांच की याचिका पर सप्ताहभर में सुनवाई संभव
हरिओम आनंद आत्महत्या प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने की जनहित याचिका पर सुनवाई में सप्ताहभर में हो सकती है। बता दें कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता योगेश मिश्रा ने बुधवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका डाली है और इस प्रकरण में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद तुरंत प्राथमिकी दर्ज करना पुलिस का काम है। लेकिन पुलिस ने एक महीना मामले को जांच के नाम पर उलझाए रखा। उन्होंने कहा कि, आशंका है कि पुलिस मामले की लीपापोती करेगी, ऐसे में इसकी जांच सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। याचिका दायर करने के बाद डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को भी नोटिस भेज दिया गया है। योगेश मिश्रा ने 40 पन्नों की पीआइएल में बताया कि मुकदमे के लिए हरिओम आनंद की तरफ से कप्तान के नाम लिखा गया अंतिम पत्र ही मान्य है। योगेश का कहना है कि उनका दोनों पक्षों से कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने केवल पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई है।