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Hariom Anand Case: अतुल कृष्ण पर दर्ज होगा मुकदमा, जांच में शेयर होल्डरों, फाइनेंसरों व उनके साथियों को फिलहाल राहत

हरिओम आनंद आत्महत्या कांड में 27 दिन बाद आखिरकार पुलिस सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने जा रही है।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 09:40 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 09:40 AM (IST)
Hariom Anand Case: अतुल कृष्ण पर दर्ज होगा मुकदमा, जांच में शेयर होल्डरों, फाइनेंसरों व उनके साथियों को फिलहाल राहत

मेरठ, जेएनएन। हरिओम आनंद आत्महत्या कांड में 27 दिन बाद आखिरकार पुलिस सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण भटनागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने जा रही है। एसएसपी अजय साहनी ने इसकी पुष्टि की है। एसपी सिटी की जांच में हरिओम आनंद की तरफ से लिखे गए एसएसपी के नाम अंतिम पत्र को आधार बनाकर कार्रवाई की गई, जबकि मानसी आनंद की तरफ से दी गई तहरीर पर शेयर होल्डरों और फाइनेंसरों को फिलहाल राहत दी गई है।

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अतुल कृष्ण के खिलाफ जोरदार पैरवी

बता दें कि हरिओम आनंद और अतुल कृष्ण शुरुआती समय में साथ रहने के बाद एक-दूसरे के धुर विरोधी बन गए थे। सुभारती से बाहर किए जाने के बाद आनंद ने निर्मल हत्याकांड में अतुल कृष्ण के खिलाफ जोरदार पैरवी की। फिलहाल निर्मल हत्याकांड का मामला सीबीआइ की जांच से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। हालांकि जांच अफसर ने यह भी कहा कि शेयर होल्डरों और फाइनेंसरों को पूरी तरह क्लीनचिट नहीं दी जा रही है, बल्कि विवेचना में उनके खिलाफ अगर साक्ष्य मिले तो उन्हें आरोपित बनाया जाएगा। फौरी राहत के पीछे एसपी सिटी की जांच में इनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न मिलना बताया गया है। एसएसपी ने यह भी बताया कि थाने में मुकदमा दर्ज कर इसकी विवेचना एसआइटी को सौंपी जाएगी। एएसपी स्तर के अधिकारी इसे लीड करेंगे। माना जा रहा है कि संभवत: एसपी क्राइम रामअर्ज को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

आत्महत्या के लिए मजबूर करने का है आरोप

बता दें कि दम तोडऩे से पहले हरिओम आनंद ने कप्तान के नाम अतुल कृष्ण भटनागर के खिलाफ शिकायती-पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया है कि अतुल कृष्ण ने सुभारती ग्रुप में एक तिहाई हिस्सा देने का वायदा किया था। इसी आश्वासन पर वे कर्ज लेते गए और भारी कर्ज तले दब गए। उनकी मौत के तीन दिन बाद उनकी बेटी मानसी आनंद ने एसएसपी के आवास पर एक तहरीर दी थी, जिसमें अतुल कृष्ण उनकी पत्नी मुक्ति भटनागर, शेयर होल्डर जीएस सेठी, ललित भारद्वाज, ट्रेवल एजेंसी के मालिक आकाश खन्ना, फाइनेंसर राहुल दास, समय सिंह, मुमताज कामरान और सलीम पर हरिओम आनंद को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। शिकायत पर मामले की जांच एसपी सिटी अखिलेश नारायण को दी गई। 25 दिन में एसपी सिटी ने जांच कर रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी थी। बता दें कि आनंद अस्पताल के मालिक हरिओम आनंद नौचंदी के शास्त्रीनगर एच ब्लाक में परिवार के साथ रहते थे। 27 जून को वे अपने फार्म हाउस मुरलीपुर पहुंचे जहां उन्होंने सल्फास की सात गोलियां खा ली थीं। उनकी तबीयत बिगडऩे पर आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कुछ देर बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया था।

इनका कहना है

एसपी सिटी की जांच के आधार पर अतुल कृष्ण भटनागर को आरोपित बनाया गया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना कराई जाएगी। शेयर होल्डरों का विवाद संपत्ति का है, जो कंपनी एक्ट में मुकदमा करा सकते हैं। उसके बावजूद भी विवेचना में शेयर होल्डरों और फाइनेंसरों के खिलाफ अगर साक्ष्य मिला तो उन्हें आरोपित बनाया जाएगा। मुकदमा दर्ज होने के बाद एएसपी के नेतृत्व में एसआइटी गठित कर विवेचना कराई जाएगी।

- अजय साहनी, एसएसपी

आरोपितों के दबाव में तैयार की गई जांच रिपोर्ट 

यदि शेयर होल्डरों, फाइनेंसरों और उनके साथियों के नाम पुलिस ने शिकायत-पत्र से निकाल दिए तो फिर इस जांच का औचित्य क्या है? एसपी सिटी की जांच को कोर्ट से लेकर शीर्ष अफसरों तक के पास चैलेंज करूंगी। यह जांच रिपोर्ट आरोपितों के दबाव में आकर तैयार की गई है। हम पीडि़त को शुरू से ही जांच अधिकारी गुमराह करते आ रहे हैं। सबकुछ साक्ष्य देने के बाद भी शेयर होल्डरों, फाइनेंसरों को किस आधार पर आरोपित नहीं बनाया गया है, यह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल है। यदि पिता के अंतिम पत्र को ही आधार बनाकर मुकदमा दर्ज किया जाना था फिर 27 दिन का समय क्यों लगाया गया?

- मानसी आनंद, हरिओम आनंद की पुत्री


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