जवान महिला और पुरुषों को शिकार बना रहा एच1एन1 वायरस, ऐसे बचें
इस बार एच1एन1 वायरस के निशाने पर ज्यादातर जवान महिला-पुरुष ही हैं। 20 से 45 वर्ष की उम्र के सर्वाधिक मरीज मिलने से सर्विलांस विभाग भी चकित है।
मेरठ,[संतोष शुक्ल]। जानलेवा स्वाइन फ्लू ज्यादातर युवाओं को अपना निशाना बना रहा है। कौन कहता है कि स्वाइन फ्लू बच्चों,बुजुर्गो और महिलाओं के लिए ही घातक है। यकीन मानिए,इस बार एच1एन1 वायरस के निशाने पर ज्यादातर जवान महिला-पुरुष ही हैं। 20 से 45 वर्ष की उम्र के सर्वाधिक मरीज मिलने से सर्विलांस विभाग भी हैरान है। विशेषज्ञों की मानें तो जवानी में प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होने का तिलिस्म टूट रहा है। ये सेहत के लिए गंभीर संकट है।
चौंकाने वाले आंकड़े
मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में अब तक 944 मरीजों की जांच की गई। माना जाता है कि यह वायरस दस साल तक के बच्चों,गर्भवती व उम्रदराज महिलाओं एवं बुजुर्गो में जल्द संक्रमित होता है। सर्विलांस टीम ने आंकड़ों का विश्लेषण किया तो यहां सब कुछ उलटा मिला। बच्चे व बुजुर्ग ज्यादा सुरक्षित मिले,जबकि 20 से 45 साल की उम्र वर्ग के सर्वाधिक मरीज नजर आए।
प्रदेश में टॉप पर मेरठ
घनी आबादी,गंदगी,हाई एलर्जिक माहौल,ज्यादा स्टेरायड सेवन व लगातार बीमारियों के घिरे रहने से प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो गई है। मेरठ में प्रदेश के सर्वाधिक मरीज मिल रहे हैं।
कहां कितने मरीज
- जिला मरीज
- मेरठ 250
- लखनऊ 173
- गाजियाबाद 134
- गौतमबुद्धनगर 33
- आगरा 28
- बरेली 20
- मुजफ्फरनगर 20
- बागपत 14
- प्रयागराज 07
- उम्र मरीज
- 0-10 37
- 10-20 25
- 20-30 45
- 30-40 64
- 40-50 63
- 50-60 50
- 60-70 38
- 70-80 07
इनका कहना है
एच1एन1 वायरस जवान पुरुष एवं महिलाओं में ज्यादा मिल रहा है। यहां तक कि बच्चों में संक्रमण कम मिला है। 30 से 40 वर्ष की उम्र में सर्वाधिक 64 मरीज मिले हैं। यह वर्ग तनाव में रहने व फास्टफूड खाने से भी प्रतिरोधक क्षमता गंवा रहा है।
-डा. राजकुमार,सीएमओ
20 से 50 वर्ष उम्र वर्ग के लोग बाजार,भीड़ एवं यात्रा में ज्यादा रहते हैं। जहां से उन्हें एच1एन1 पकड़ता है। शारीरिक श्रम में कमी,खानपान में पोषण के संकट,बार-बार संक्रमण,प्रदूषित खानपान व आबोहवा से प्रतिरोधक क्षमता गिरी है। हर चौथे व्यक्ति में सांस फूलने का रिस्क है।
-डा.अमिताभ गौतम,फिजीशियन,केएमसी
ऐसे करें बीमारी से बचाव
- किसी ठोस वस्तु जैसे मेज,कुर्सी,दरवाजा एवं वाहनों को न छुएं। इन पर वायरस चिपके रहते हैं।
- अस्पताल,क्लीनिक,बाजार,भीड़भाड़ व मेले में जाने से बचें। इससे भी बीमारी संक्रमित होती है।
- प्राणायाम से फेफड़ों में ज्यादा आक्सीजन पहुंचने से निमोनिया का खतरा कम होगा।
- गिलोय,तुलसी,सोंठ का काढ़ा पिएं। यह वायरस संक्रमण से बचाएगा।
- छींकने वाले से दूर रहें। इनसे वायरस फैलने का खतरा अधिक रहता है।
- एच1एन1 वायरस हवा में देर तक जिंदा रहता है। दिन में कई बार हाथ धोएं।
- अस्पतालों व क्लीनिकों में बेवजह न जाएं। संक्रमित होने का रिस्क होता है।
- हाई प्रोटीन खानपान जैसे दही,पनीर,दाल,सोयाबीन व मीट से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।