हाईकोर्ट में ज्ञानेंद्र चौधरी की अर्जी खारिज, अब सील हो सकता है होटल दोआब Meerut News
सोमवार को ज्ञानेंद्र चौधरी की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कुछ दिन पहले 18 नवंबर तक के लिए जो स्टे दिया था उसे भी समाप्त कर दिया है।
मेरठ, जेएनएन। प्रशासन की ओर से घोषित भूमाफिया ज्ञानेंद्र चौधरी की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कुछ दिन पहले 18 नवंबर तक के लिए जो स्टे दिया था, उसे भी समाप्त कर दिया है। परतापुर स्थित होटल दोआब ग्रीन वर्ज पर बना है, जिसे सील करने की कार्रवाई एमडीए ने शुरू की थी। कार्रवाई को रुकवाने के लिए ज्ञानेंद्र ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। ज्ञानेंद्र का पक्ष था कि उन्होंने शमन मानचित्र का आवेदन किया है, लेकिन उनके आवेदन के आधार पर अतिरिक्त निर्माण को स्वीकृत करने के बजाय सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है।
किया नियमों का उल्लंघन
दरअसल, दोआब विलास का मानचित्र क्लब के रूप में स्वीकृत है, लेकिन नियमों का उल्लंघन करके ज्ञानेंद्र ने इसे होटल में तब्दील कर दिया है। इसी वजह से एमडीए की कार्रवाई प्रक्रिया में है। नियमों के तहत ग्रीन वर्ज पर क्लब तो बन सकता है, लेकिन होटल नहीं। यदि स्वीकृत मानचित्र के विपरीत कुछ अतिरिक्त निर्माण किया जाता है तो उसका सिर्फ 10 फीसद हिस्सा ही शमन होता है, बाकी हिस्सा तोड़ना पड़ता है। इनके क्लब का काफी हिस्सा स्वीकृत मानचित्र के विपरीत बनाकर होटल बनाया गया है। वहीं होटल के लिए नाले की जमीन पर कब्जा करने के आरोप में प्रशासन की ओर से एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी।
आज अपलोड होगा आदेश
हाईकोर्ट में ज्ञानेंद्र व संबंधित विभागों के खिलाफ जनहित याचिका भी दाखिल हुई थी, जिसमें यह दावा किया गया कि कोर्ट को गलत जानकारी देकर ज्ञानेंद्र ने स्टे लिया। आरोप लगाया गया कि एमडीए व नगर निगम ने पैरवी भी कमजोर तरीके से की। कोर्ट ने इन दोनों याचिकाओं की एक साथ सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट का विस्तृत आदेश मंगलवार को अपलोड होगा, लेकिन सोमवार को जो आदेश जारी हुआ है उसके अनुसार कोर्ट ने यह माना है कि ज्ञानेंद्र ने गलत तथ्यों के आधार पर स्टे लिया था।
एक महीने में कमिश्नर के यहां से होगा निर्णय
हाईकोर्ट ने याचिका तो खारिज कर दी है लेकिन कमिश्नर कोर्ट में 10 दिन के अंदर अपील दाखिल करने का समय दिया है। कोर्ट ने इसे कमिश्नर स्तर का माना है और कमिश्नर को उनकी अपील पर निर्णय एक महीने के अंदर देने को कहा है। एमडीए सचिव प्रवीणा अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट ने ज्ञानेंद्र की याचिका खारिज करके कमिश्नर के यहां अपील करने को कहा है। हालांकि कमिश्नर के यहां यदि अपील करते हैं तो क्या उसका इंतजार होगा या फिर उससे पहले ही सील लगाई जा सकेगी, इस पर विमर्श किया जाएगा।