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रियल एस्टेट को उम्मीद, रुके प्रोजेक्ट के लिए फंड लाएगी सरकार

बजट से हर आम-ओ-खास को उम्मीद रहती है। कुछ उम्मीदें रियल एस्टेट व्यवसाय को भी हैं। रियल एस्टेट कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाला सेक्टर है लेकिन पिछले कुछ सालों से इस पर मंदी के बादल मंडरा रहे हैं। पिछले साल बजट में इस सेक्टर को कुछ राहत दी गई थी लेकिन अभी काफी सहूलियत की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 09:00 AM (IST)
रियल एस्टेट को उम्मीद, रुके प्रोजेक्ट के लिए फंड लाएगी सरकार
रियल एस्टेट को उम्मीद, रुके प्रोजेक्ट के लिए फंड लाएगी सरकार

मेरठ, जेएनएन : बजट से हर आम-ओ-खास को उम्मीद रहती है। कुछ उम्मीदें रियल एस्टेट व्यवसाय को भी हैं। रियल एस्टेट कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाला सेक्टर है लेकिन पिछले कुछ सालों से इस पर मंदी के बादल मंडरा रहे हैं। पिछले साल बजट में इस सेक्टर को कुछ राहत दी गई थी, लेकिन अभी काफी सहूलियत की जरूरत है। ज्यादातर बिल्डरों के प्रोजेक्ट 70-80 फीसद कार्य पूरा होने के बाद अटके हुए हैं। यदि सरकारी धन मिल जाए तो ये पूरे होंगे और आवंटियों को भी छत नसीब हो सकेगी।

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रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गर्ग का कहना है कि केंद्र सरकार इस सेक्टर की दशा सुधारने के लिए फंड ला सकती है। ऐसा प्रावधान है, यदि प्राइवेट सेक्टर के प्रोजेक्ट अधूरे हों तो सरकार स्पेशल प्रोजेक्ट व्हीकल (एसपीवी) के जरिए फंड की व्यवस्था कर सकती है। इसके तहत सरकार अपने नियंत्रण में लेकर प्रोजेक्ट पूरा कराती है। बैंको का कर्ज चुकाया जाता है और खरीददारों को मकान मिल जाते हैं। उम्मीद है कि सरकार करीब 10 हजार करोड़ का फंड लाएगी।

रियल एस्टेट उद्यमी कमल ठाकुर ने कहा कि कृषि के बाद रियल एस्टेट सेक्टर सबसे अधिक रोजगार देता है। उम्मीद है कि जिस तरह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अफोर्डेबल हाउस बनाने के लिए छूट दी जाती है, उसी तरह की छूट रियल एस्टेट उद्यमियों को भी मिलेगी। इससे मंदी दूर होगी और लोगों को लाभ मिलेगा। सरकार ब्याज में भी कमी कर सकती है। प्रोजेक्ट रुकने से लोगों को समय से मकान नहीं मिल पा रहे। इसके लिए सरकार फंड की व्यवस्था भी कर सकती है। जीएसटी में भी राहत की उम्मीद है।


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