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सख्ती के साथ दुकानें खोलने का इंतजाम करे सरकार

खुदरा बाजार से जनपद के हजारों परिवारों की रोजी रोटी जुड़ी है। लॉकडाउन में केवल जरूरी वस्तुओं को बेचने की अनुमति भी निर्धारित समय के लिए दी गई है। शेष दुकानें पूरी तरह बंद हैं। इससे खुदरा बाजारों के व्यापारी बुरी तरह परेशान हैं। खुदरा सेक्टर के वर्तमान हालात और व्यापारियों से वार्ता की गई। उनका मन टटोला तो पीड़ा फूट पड़ी

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 07:00 AM (IST)
सख्ती के साथ दुकानें खोलने का इंतजाम करे सरकार
सख्ती के साथ दुकानें खोलने का इंतजाम करे सरकार

मेरठ, जेएनएन। खुदरा बाजार से जनपद के हजारों परिवारों की रोजी रोटी जुड़ी है। लॉकडाउन में केवल जरूरी वस्तुओं को बेचने की अनुमति भी निर्धारित समय के लिए दी गई है। शेष दुकानें पूरी तरह बंद हैं। इससे खुदरा बाजारों के व्यापारी बुरी तरह परेशान हैं। खुदरा सेक्टर के वर्तमान हालात और व्यापारियों से वार्ता की गई। उनका मन टटोला तो पीड़ा फूट पड़ी

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किराना बाजार

जरूरी वस्तुओं के दायरे में आने के कारण लॉकडाउन में किराना स्टोर खुल रहे हैं। दूसरे सेक्टर्स के मुकाबले किराना बाजार में बिक्री ज्यादा है। माल भाड़ा बढ़ने और दुकान खुलने का समय कम होने के कारण व्यापारियों को दिक्कत हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि इस समय ग्राहक सिर्फ आटा, दाल और चावल जैसी जरूरी वस्तुएं ही खरीद रहे हैं। क्वालिटी प्रोडक्ट की सेल काफी कम हो गई है। प्रशासन की रेटलिस्ट में गुणवत्तायुक्त सामान मिलना बेहद मुश्किल है। पुलिस को व्यापारियों से सभ्यता से पेश आना चाहिए। कई बार ग्राहक शारीरिक दूरी का पालन नहीं करते तो पुलिस हमें निशाना बनाती है।

गोपाल अग्रवाल, सीताराम स्टोर गढ़ रोड सामान की आवक में कोई दिक्कत नहीं है। व्यापार चल रहा है लेकिन छोटे व्यापारियों को कर्मचारियों के वेतन भुगतान में दिक्कत हो रही है।

राधेश्याम अग्रवाल, अध्यक्ष, शहर अनाज मंडी व्यापार संघ रेडीमेड गारमेंट

मेरठ में रेडीमेड गारमेंट का खासा कारोबार है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार इस सेक्टर में सामान के तत्काल नुकसान का खतरा नहीं है, लेकिन एक समय सीमा के बाद अगर माल नहीं बिकता है बीस से 25 प्रतिशत का नुकासान होता है। मेरठ में रोजाना करीब सवा करोड़ का रेडीमेड गारमेंट का कारोबार है। आबूलेन, बेगमपुल, शारदा रोड, सेंट्रल मार्केट में बड़े शोरूम हैं। इसके अलावा गली मोहल्लों में भी कपड़ों की बिक्री होती है। 40 से 50 करोड़ प्रतिमाह का कारोबार है। हमने गर्मी के सीजन का स्टाक मंगा लिया था। लॉकडाउन के चलते बंडल खोले भी नहीं गए। सरकार को बिजली के बिल के फिक्सड चार्ज में छूट देनी चाहिए। कर्मचारियों को वेतन के भुगतान में सहयोग देना चाहिए।

निधीश बिंदल, बिंदल गारमेंट सीजन में अगर माल न बिका तो काफी नुकसान होगा। सरकार को कड़े प्रावधानों के साथ कुछ समय के लिए गारमेंट की दुकानों को खुलने की छूट देनी चाहिए।

भारत भूषण अरोड़ा, अरोड़ा गारमेंट फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स

लॉकडाउन के दौरान जरूरी वस्तुओं की श्रेणी में आने वाली दुकानें खुली हैं। किराना की दुकानों में एफएमसीजी के अंतर्गत साबुन, टूथपेस्ट, तेल, शैंपू, मच्छर मारने की क्वायल जैसी सामग्री बिक रही है। अधिकांश मार्केट बंद होने से चीजों की खपत मात्र 20 से 25 प्रतिशत ही है। इस श्रेणी में तेल, क्रीम, पाउडर जैसे आयटमों की कई कंपनियों ने आपूर्ति बंद कर दी है। हालांकि सैनिटाइजर की मांग में इजाफे से कुछ दुकानदारों का काम ठीक चल रहा है। मेरठ जनपद में इस श्रेणी का कारोबार 80 से 90 करोड़ प्रति माह का है। अधिकांश व्यापारियों की दुकानें बंद हैं। इससे उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सरकार को छोटे व्यापारियों को सीधे आर्थिक मदद देनी चाहिए।

मनुल अग्रवाल, महामंत्री

मेरठ डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था करना मध्यमवर्गीय व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। सरकार ने तीन लाख सुरक्षा स्टोर की मान्यता देने की बात कही है। इसके बारे में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए ताकि संक्रमण न फैले।

विनेश जैन, एफएमजीसी, डिस्ट्रीब्यूटर्स इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार

मार्च की शुरुआत से ही इलेक्ट्रानिक्स आयटमों की सेल बढ़ जाती है। जनपद में लगभग 100 बड़े और 250 छोटे शो रूम हैं। गर्मी के सीजन के मद्देनजर शो रूम संचालकों ने एसी, कूलर, फ्रिज जैसे आयटमों का स्टाक जमा कर लिया है। एक अनुमान के अनुसार गर्मी के सीजन मार्च, अप्रैल और मई में साल भर में होने वाली बिक्री का 50 से 60 प्रतिशत सेल होती है। यह लगभग 350 से 400 करोड़ बीच है। व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते स्थिति गंभीर हो रही है। इलेक्ट्रनिक्स व्यापारियों ने एक सूची तैयार करने की योजना बनायी है। इसमें सभी मुख्य शो रूम संचालकों के नंबर होगे। ग्राहक उन नंबरों पर संपर्क कर इच्छित आयटम के बारे में पूछताछ कर सकेंगे। वाट्सएप पर आयटमों के माडल आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। माडल का सलेक्शन करने के बाद डिलीवरी की व्यवस्था करायी जाएगी।

हमने जो बैंकों से कर्ज लेकर जो स्टाक किया है, दो माह से उसका ब्याज ही जा रहा है। बिक्री शून्य है। इस समय लोगों को पंखे और कूलर की जरूरत है। सरकार हमें होम डिलिवरी की अनुमति प्रदान करे।

अतुल बंसल,

महामंत्री, मेरठ इलेक्ट्रानिक्स व्यापार संघ

जान है तो जहान है। इसलिए आन लाइन व्यापार की अनुमति भी गाइड लाइन के तहत दी जानी है। सरकार को शोरूम और गोदामों के रेंट और बैंक का ब्याज माफ करने की दिशा में कारगर कदम उठाना चाहिए।

करन भसीन, भसीन इलेक्ट्रानिक्स


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