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गोशालाओं में होंगे प्रयोग, गोमूत्र से भागेंगे मच्छर, अगरबत्ती से महकेगा घर

मेरठ (नवनीत शर्मा)। बदहाल हो रही गोशालाओं की दशा सुधारने और गोवंश संरक्षण के लिए प्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 12:37 PM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 12:37 PM (IST)
गोशालाओं में होंगे प्रयोग, गोमूत्र से भागेंगे मच्छर, अगरबत्ती से महकेगा घर
गोशालाओं में होंगे प्रयोग, गोमूत्र से भागेंगे मच्छर, अगरबत्ती से महकेगा घर

मेरठ (नवनीत शर्मा)। बदहाल हो रही गोशालाओं की दशा सुधारने और गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने बडे़ स्तर पर योजना तैयार की है। योजना के मुताबिक पंजीकृत गोशालाओं में पल रहे गोवंश लिए जहां प्रति पशु के हिसाब से अनुदान मिलेगा वहीं आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक उत्पाद भी इन गोशालाओं में तैयार किए जाएंगे। मंडल के जिलों में योजना लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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प्रदेश सरकार गोरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। ऐसे में गोशालाओं की स्थिति में सुधार लाने और गोवंश के संरक्षण के लिए बडे़ स्तर पर योजना तैयार की गई है। योजना को गो संरक्षण समिति के गठन और अनुदान प्लान के माध्यम से साकार किया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति गोशालाओं के उत्थान और विकास के लिए काम करेगी। विभिन्न विभागों के संयुक्त प्रयास से गोवंश के गोबर, गोमूत्र और दूध से आयुर्वेदिक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इनकी बाजार में बिक्री की जाएगी और प्राप्त धनराशि से गोवंश और गोशालाओं को आर्थिक रूप में मजबूत किया जाएगा। पंजीकृत गोशाला में पल रहे प्रति गोवंश को 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अनुदान मिलेगा।

उत्पादन कर होगी समृद्ध

गोशालाओं को अपने संसाधनों के आधार पर ही समृद्ध किया जाएगा। पहले चरण में गोशालाओं में बायोगैस सयंत्र की स्थापना, कम्पोस्ट खाद, साबुन, अगरबत्ती, मच्छर भगाने की कॉइल और गोनाइल बनाई जाएगी। इसके अलावा गौमूत्र से बनी फिनायल और विभिन्न औषधि आदि के उत्पादन और विक्रय पर जोर दिया जाएगा।

संयुक्त प्रयास से आगे बढ़ेगी योजना

योजना को धरातल पर उतरने के लिए पहले जिला स्तर पर गो संरक्षण समिति का गठन किया जाएगा। इसमें डीएम, एसएसपी और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के साथ वन विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, जिला पंचायत आदि को शामिल किया जाएगा। सभी विभाग संयुक्त रूप से गोशालाओं में उत्पाद तैयार करने और बिक्री आदि में सहयोग करेंगे। सोमवार को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अरविंद कुमार सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन में गोशालाओं के विस्तार आदि को लेकर बैठक हुई। इसमें पूरी कार्ययोजना को शीघ्र लागू करने का निर्णय लिया गया।

मेरठ में पंजीकृत गौशालाएं

- गोपाल गोशाला, दिल्ली रोड।

- श्री हस्तिनापुर, पिजरापोल पशुशाला मवाना।

- देशी गो संवर्धन अनुसंधान संस्थान, डालूहेडा।

- साधु जगत राम स्मारक गऊशाला समिति, गांव कपसाड़।

गौशालाओं की स्थिति

प्रदेश में पंजीकृत - 495

कुल गोवंश - 87,000

मंडल में - 15

कुल गोवंश - 13,651

मेरठ में - 4

कुल गोवंश - 1,600

मंडल में अपंजीकृत - 130

कुल गोवंश - 15,300

मेरठ के जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि योजना के अनुसार गो संरक्षण समिति का गठन किया गया है और पशुपालन विभाग को विशेष निर्देश जारी किए हैं। शीघ्र ही योजनानुसार जनपद की गोशालाओं को अनुदान प्रदान करने के साथ उत्पाद भी तैयार कराए जाएंगे। वहीं गोपाल गोशाला के प्रबंधक उमेश चंद्र अरोरा ने बताया कि सरकार की योजना के संबंध में पशुपालन विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई है। अनुदान की प्रक्रिया कुछ कठिन है, लेकिन उत्पाद तैयार करने से गोशालाओं की स्थिति में सुधार होगा।


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