गंदगी, जर्जर सड़क और दूषित पानी से दिलाओ निजात
एमडीए से नगर निगम को हैंडओवर हुए गंगानगर के आठ पॉकेट के निवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
जेएनएन, मेरठ। एमडीए से नगर निगम को हैंडओवर हुए गंगानगर के आठ पॉकेट के निवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। स्थानीय पार्षद का आवास घेरने के बावजूद समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। आजिज आ चुकी जनता ने नगर निगम से समस्याओं के निजात की गुहार लगाई है।
गंगानगर की मुख्य समस्याएं
डी पॉकेट : पेयजल पाइप लाइन जर्जर हालत में है। आए दिन पाइप फटने से जलापूर्ति बाधित होती है
जे पॉकेट : पेयजल के साथ सीवेज का पानी घरों में पहुंच रहा है। यह समस्या आठ साल से है।
के पॉकेट : अधिकांश सड़कें जर्जर हैं। नालियों की मरम्मत की डिमांड है।
एल पॉकेट : नाले-नालियों के बीच से पेयजल पाइप गुजरती है। पानी गंदा।
एन पॉकेट : सड़क और नालियां जर्जर हैं। नालियां चोक, जलनिकासी बाधित।
एम पॉकेट : सड़कें गड्ढे में तब्दील। आए दिन लोग गिरकर जख्मी हो रहे हैं।
पी पॉकेट : पथ प्रकाश की व्यवस्था खराब। स्ट्रीट लाइट बदलने की डिमांड।
ओ पॉकेट : सफाई व्यवस्था चौपट । सड़कों का हाल दयनीय। मेनहोल खुले। बोले पार्षद
नगर निगम को एमडीए से हैंडओवर आठों पॉकेट में सफाई कर्मचारी दिए जाने का दो बार प्रस्ताव दे चुके हैं। पथ प्रकाश और सड़क निर्माण के लिए कई बार पत्राचार किया पर अवस्थापना निधि में यहां का एक भी प्रस्ताव शामिल नहीं हुआ। जनता सचमुच बहुत परेशान है।
- गुलवीर सिंह, पार्षद वार्ड 37 इनका कहना-
एमडीए से नगर निगम को 79.32 करोड़ में से 30 करोड़ रुपए गंगानगर में अनुरक्षण के काम के लिए डिमांड है। एमडीए से अभी 15 करोड़ रुपए ही मिले हैं। यह धनराशि आठ कालोनियों में विकास के लिए बराबर दी जाएगी। ऐसे में पौने दो करोड़ रुपये ही गंगानगर को मिलेंगे। यह धनराशि गंगानगर के आठ पॉकेट की समस्याओं के मद्देनजर काफी कम है।
- डा. अरविद चौरसिया, नगर आयुक्त