Move to Jagran APP

गाजे-बाजे के साथ विराजे देवाधिदेव

मेरठ: गणेश चतुर्थी पर्व पर शुक्रवार को सार्वजनिक स्थानों और घरों में देवाधिदेव की मूर्तिय

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Aug 2017 02:27 AM (IST)Updated: Sat, 26 Aug 2017 02:27 AM (IST)
गाजे-बाजे के साथ विराजे देवाधिदेव
गाजे-बाजे के साथ विराजे देवाधिदेव

मेरठ: गणेश चतुर्थी पर्व पर शुक्रवार को सार्वजनिक स्थानों और घरों में देवाधिदेव की मूर्तियों की मंत्रोच्चार के बीच स्थापना की गई। इसके पूर्व शोभायात्रा निकाल कर गणपति को भव्य पंडाल में विराजमान कराया गया। मंदिरों में भी गणपति के विग्रह का दिव्य श्रंगार किया गया।

loksabha election banner

शहर में गणपति पूजन को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह साल दर साल बढ़ता जा रहा है। घरों में लोग गणपति देव की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना कर रहे हैं। पारंपरिक पूजन स्थलों के अलावा कालोनियों में भी लोग सामूहिक रूप से गणेश पूजन कर रहे हैं।

गणेश स्थापना का 27वां साल

शहर सराफा बाजार झंडा चौक में मुंबई से विशेष रूप से मंगाई गई मूर्ति की स्थापना हुई। घंटाघर से श्रद्धालु रथ को हाथों से खींचते हुए कार्यक्रम स्थल तक लेकर लाए। श्रीगणेश महाराष्ट्र मित्र मंडल की ओर से इस बार 27वां गणेश पूजन महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। 31 अगस्त को मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाया जाएगा। अशोक मराठा, राजू हसबे, शंकर, पोपट पंडारे, महेंद्र पाटिल, संत कुमार वर्मा, विनोद पंवार, शिवाजी आदि मौजूद रहे।

शास्त्रीनगर एल-2 तिकोना पार्क से में गणपति भगवान के नव विग्रह की शोभायात्रा निकाली गई। बैंडबाजों के साथ गणेश मंदिर से आरंभ हुई भक्तों की टोली, एल ब्लाक पुल को पार कर, मार्डन पब्लिक स्कूल, भूतनाथ चौराहा, डीएवी स्कूल, संतोष हास्पिटल होते हुए वापस मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई।

बागपत गेट शिव चौक स्थित भोले शंकर शिव मंदिर में हर वर्ष की तरह शुक्रवार को धूमधाम से गणेश पूजा महोत्सव आरंभ हुआ। गणपति के विग्रह को विशेष रूप से सजे डोले में विराजमान करा कर शोभायात्रा निकाली गई। थापर नगर, दिल्ली रोड, जली कोठी, केसरगंज, रेलवे रोड से शोभायात्रा गुजरी। रोशन पंडित ने विधि विधान से मूर्ति को स्थापित कराया। संयोजक अभिषेक अग्रवाल ने बताया 12 दिनों तक नियमित पूजन होगा। पांच सितंबर को विसर्जन के लिए ले जाया जाएगा। राजपाल सिंह, अश्वनी शर्मा, राजकुमार, मनीष कुमार, संजय सिंह, नरेश कुमार, गुलशन, अजय अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

गणेश चतुर्थी पर्व पर गणपति बप्पा मोरया.. के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने घर और पंडालों में गजानंद की प्रतिमा स्थापित की। देश के अलग-अलग स्थानों पर वैसे तो हर त्योहार अलग-अलग परंपरा और रीति-रिवाज से मनाया जाता है, लेकिन त्योहार मनाने के पीछे लोगों की एक श्रद्धा एक सामान ही होती है।

ऐसे ही शुक्रवार को शहर भर में गणेश मूर्तियों की दुकानों पर सुबह से भीड़ देखने को मिली। जहां एक ओर 6 से 8 फीट तक की मूर्तियां पंडालों में स्थापित की गई। वहीं छोटी मूर्तियों को लोगों ने अपने अपने घरों में विराजमान किया।

बैंडबाजे के संग भगवान लंबोदर को पंडाल तक लाया गया और हल्दी कुमकुम के अक्षत से उनका स्वागत किया गया। महाराष्ट्र में परंपरा है कि भगवान गणेश को घर लाते समय कुमकुम चावल मिलाकर उनपर डालते उन्हें स्थापित करते हैं। इसी परंपरा के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना करते हुए जगह-जगह भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की गई।

साढ़े सात फीट ऊंची गणपति की मूर्ति स्थापित

सदर दाल मंडी बुंदेला गली में साढ़े सात फीट की गणेश प्रतिमा स्थापित की गई। आकाश शर्मा ने बताया कि इस बार शिव और गणेश की मूर्ति विशेष रूप निर्मित कराई गई। प्रतिमा लोगों में आकर्षण का केंद्र बनी है। पूजा अर्चना के बाद भगवान गणेश को मोदक का भोग अर्पित किया गया। आदर्श नगर स्थित गणपति मंदिर, न्यू मोहनपुरी स्थित दयालेश्वर महादेव मंदिर, साकेत स्थित शिव मंदिर में धूमधाम से गणपति पूजन हुआ।

मूर्तियां हुई महंगी

थापर नगर स्थित अजंता मूर्ति कलाकेंद्र के संचालक मनोज प्रजापति का कहना है कि मूर्तियों पर 12 फीसदी जीएसटी लगने से इस बार मूर्तियों के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले साल जहां गणेश चतुर्थी के अवसर पर हजार से ज्यादा मूर्तियों की बिक्री हुई थी। वहीं इस बार मात्र 300 से 400 मूर्तियां ही बिक सकी हैं। जिसमें छोटी बड़ी सभी मूर्तियां शामिल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.