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हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का पूर्ण समर्थन, कोर्ट भी पहल करे

प्रदेश के दुग्ध विकास, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ व हज उप्र मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की मांग के वह समर्थक हैं। जनता को सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के लिए बेंच की स्थापना की जानी चाहिए।

By Edited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 05:00 AM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 02:22 AM (IST)
हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का पूर्ण समर्थन, कोर्ट भी पहल करे
मेरठ (जेएनएन)। प्रदेश के दुग्ध विकास, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ व हज उप्र मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की मांग के वह समर्थक हैं। जनता को सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के लिए बेंच की स्थापना की जानी चाहिए। सर्किट हाउस में शनिवार को बातचीत में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि उन्होंने पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर आगरा से दिल्ली राष्ट्रपति भवन तक पद यात्रा की थी। पश्चिमी उप्र की जनता की मांग पर सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाने के लिए बेंच की शीघ्र स्थापना होनी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट को भी बेंच की स्थापना के लिए पहल करनी चाहिए।
मंत्री ने कहा...
पूर्ववर्ती सरकारों ने अयोध्या की उपेक्षा की। भाजपा सरकार ने अयोध्या को भव्यता देने के लिए पहल की है। भगवान राम हमारे आदर्श हैं। भारतवर्ष की पहचान भगवान राम से है। पिछले साल भी अयोध्या में भव्य कार्यक्रम आयोजित हुए थे। इस बार भी छह नवंबर को भव्य कार्यक्रम होंगे। इस बार तीन लाख दीप जलाए जाएंगे। लेजर शो आदि का कार्यक्रम होगा। भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी का आगमन होगा। दुनिया के आधा दर्जन देशों की आकर्षक झांकियां भी निकलेंगी।
15 दिन में मिले शादी अनुदान की राशि
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा गरीब बेटियों की शादी के लिए दिए जाने वाले अनुदान के बाबत मंत्री ने बताया कि अब निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि औपचारिकता पूरी होने के 15 दिन के अंदर 20 हजार अनुदान की राशि लाभार्थी को हर हाल में मिल जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मदरसों में छात्रों व छात्रवृत्ति के फर्जीवाडे़ पर अंकुश लगा है। मेरठ में 110 एफआइआर दर्ज हुई हैं। बागपत में 40 एफआइआर हुई हैं। सरकार ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए मदरसों की संख्या, छात्र संख्या व स्टाफ आदि की संख्या को पोर्टल पर लिया गया है। जिसे मदरसों का मैनेजमेंट ही फीड करता है।
मदरसे व छात्र दोनों घटे
मंत्री ने बताया कि पोर्टल लांच करने से पूर्व प्रदेश में कुल 19 हजार मदरसे पंजीकृत थे, जबकि करीब चार लाख मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में बैठते थे। पोर्टल लांच होने के बाद 17 हजार मदरसे रह गए। वहीं, छात्र भी चार लाख की जगह 2.67 लाख हो गए। ऐसे भी मामले जांच में आए कि मदरसे के नाम पर अनुदान ले लिया लेकिन कहीं भी मदरसा नहीं है। उन्होंने बताया कि मदरसों से भी अब इंजीनियर व डाक्टर निकलें। इस तरह की व्यवस्था की जा रही है। इसी के तहत कई मदरसों में सीबीएसई कोर्स को पढ़ाना शुरू किया गया है। अगले साल से और भी मदरसों में पढ़ाया जाएगा।

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