बाप जेल में, मां छोड़कर चली गई तो बेटे को मिला कुत्ते का सहारा, मुजफ्फरनगर में मिसाल बनी दोस्ती
मुजफ्फरनगर के 10 साल के अनाथ बालक और बेजुबान श्वान की दोस्ती इतनी प्रगाढ़ है कि दोनों एक दूसरे का सहारा बने हैं। बालक दिन में गुब्बारे बेचकर व चाय के स्टाल पर काम करके जो कमाता है उससे अपना व श्वान के भोजन का प्रबंध करता है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। यह रोमांचित कर देने वाली ऐसी जीती जागती कहानी है, जो भावुक भी करती है और संदेश भी देती है। 10 साल के अनाथ बालक और बेजुबान श्वान की दोस्ती इतनी प्रगाढ़ है कि दोनों एक दूसरे का सहारा बने हैं। बालक दिन में गुब्बारे बेचकर व चाय के स्टाल पर काम करके जो कमाता है, उससे अपना व श्वान के भोजन का प्रबंध करता है। रात में दोनों एक चादर में लिपटकर आसमान के नीचे सो जाते हैं।
शहर में यह बालक गुब्बारे बेचते और चाय की दुकान पर काम करते देखा जा सकता है। उसके साथ एक श्वान (डैनी) भी दिखता है। बालक दिनभर जो कमाता है, उससे शाम को श्वान के लिए दूध-ब्रेड और अपने लिए खाने का प्रबंध करता है। शाम को दोनों एक चादर में सो जाते हैं। 'दैनिक जागरण' ने बालक और श्वान की सर्द रात में एक चादर में सोते हुए चित्र प्रकाशित किया तो पुलिस-प्रशासन ने तलाश शुरू की।
एक सप्ताह से उक्त बालक व श्वान शहर के गहराबाग में बुजुर्ग महिला शीला देवी के एक कमरे के मकान में रह रहे हैं। शिवचौक के समीप धरना दे रहे मास्टर विजय सिंह बताते हैं कि बालक को उन्होंने एक कंबल व चादर दी थी, जिसमें दोनों कई बार धरनास्थल के समीप सोते हुए देखे गए। श्वान और बालक की दोस्ती समाज को बड़ा संदेश देती है।
काउंसलिंग में सुलझाए अनसुलझे पहलू
मंगलवार को बाल कल्याण समिति के समक्ष बालक की काउंसलिंग हुई। बालक ने अपना नाम अंकित बताया। बच्चे ने बताया कि उसकी मां पांच साल पहले उसे छोड़कर चली गई थी। मां भीख मांगती थी और पिता जेल में हैं, लेकिन नाम नहीं पता। श्वान डैनी ही उसका एकमात्र दोस्त है। बालक ने बताया कि उसने भीख मांगने से अच्छा काम करना बेहतर समझा। इसके चलते गुब्बारे बेचने और चाय की दुकान पर काम किया। जिला प्रोबेशन अधिकारी मोहम्मद मुशफेकीन ने बताया कि बालक मानसिक रूप से स्वस्थ है। बुधवार को आयु के लिए उसका मेडिकल कराया जाएगा।
इन्होंने बताया...
बालक का पब्लिक स्कूल में दाखिले का प्रयास किया जा रहा है। यदि कुछ रुकावट आती है तो पुलिस माडर्न स्कूल में प्रवेश कराया जाएगा। पढ़ाई का खर्च पुलिस महकमा वहन करेगा। बालक के बेजुबान दोस्त डैनी के खाने-पीने का प्रबंध भी कराया जा रहा है।
-अभिषेक यादव, एसएसपी
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