इनपुट टैक्स क्रेडिट की आड़ में करोड़ों का फर्जीवाड़ा,148 एक्सपोर्टर किए गए चिन्हित Meerut News
फर्जीवाड़ा करने वाले व्यापारी कोई टैक्स नहीं देते लेकिन फिर भी करोड़ों का रिफंड उनके खाते में आ जाता है। इससे सरकार को अरबों रुपये की चपत लग रही है।
मेरठ, जेएनएन। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ लेने की आड़ में कुछ फर्मे करोड़ों का फर्जीवाड़ा कर रही हैं। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग ने क्षेत्र में 148 फर्मो को ‘रिस्की एक्सपोर्टर’ के रूप में चिन्हित किया है। इनके लेन-देन का ब्यौरा जुटाकर जांच की जा रही है।
लग रही अरबों की चपत
सोमवार को मंगलपांडे नगर स्थित विभागीय कार्यालय में प्रधान आयुक्त एसवी सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि निर्यातक फर्मो को बढ़ावा देने के लिए सरकार उन्हें टैक्स में छूट देती है। माल का एक्सपोर्ट होते ही कस्टम विभाग से ऑनलाइन क्लीयरिंग नोट जारी होता है, जिसके बाद जीएसटी विभाग व्यापारी द्वारा रिटर्न में क्लेम की गई आइटीसी धनराशि को व्यापारी के खाते में ट्रांसफर कर देता है। कई बार ऐसा होता है कि फर्जीवाड़ा करने वाले व्यापारी कोई टैक्स नहीं देते लेकिन फिर भी करोड़ों का रिफंड उनके खाते में आ जाता है। इससे सरकार को अरबों रुपये की चपत लग रही है।
इस तरह कर रहे घपला
प्रधान आयुक्त ने बताया कि मुरादाबाद की फर्म मेसर्स आमिर एंड संस के मो. आरिफ ने दिल्ली की पांच फर्जी फर्मो से लेन-देन दिखाया। जांच कराई गई तो उस पते पर कोई फर्म नहीं मिली। जो कंपनियां मिलीं भी उन्होंने आमिर एंड संस से किसी भी माल की खरीद-फरोख्त से इन्कार किया। आरिफ ने इन फर्मो से क्लच प्लेट और डिस्क की खरीद दिखाई और इस माल को एक्सपोर्ट कर दिया। इस तरह उसने सरकारी खजाने से इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में 7.82 करोड़ रुपये हासिल कर लिए। इस फर्म को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने रिस्की एक्सपोर्टर के रूप में चिन्हित किया था।
टीम की गठित
प्रधान आयुक्त ने अपर आयुक्त यशोवर्धन पाठक के निर्देशन में एक टीम गठित की, जिसमें उपायुक्त चंदन कुमार, अंकित गहलोत, अधीक्षक पंकज त्यागी, अजय मलिक, विमल पंत, डीपी सिंह, कुलदीप सिंह आदि शामिल रहे। आमिर एंड संस और उससे लेन-देन करने वाली फर्मो पर छापामारी के बाद मामले का पर्दाफाश हआ। आरिफ को जेल भेज दिया। उससे 7.69 करोड़ रुपये भी रिकवर हुए हैं।
रिटर्न को लेकर समस्या हो तो सीधे अधिकारियों से मिलें व्यापारी
मेरठ कमिश्नरी क्षेत्र में 16 हजार से अधिक व्यापारियों ने लंबे समय से रिटर्न दाखिल नहीं किया है। प्रधान आयुक्त ने कहा कि व्यापारियों के सीए और वकील कोई रिस्पांस नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यापारी को रिटर्न से जुड़ी कोई दिक्कत है तो वे बिना किसी माध्यम के सीधे अधिकारियों से मिलें। उन्होंने आनंद अस्पताल की आनंद फार्मेसी, मुजफ्फरनगर में बिना ई वे बिल और कागजात के पकड़े गए सरिया लदे ट्रक और मेरठ की एवरेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ चल रही कार्रवाई का ब्यौरा भी दिया।
पहला मामला जिसमें पूरी रकम वसूली, आरोपी को जेल भेजा
प्रेसवार्ता में अपर आयुक्त यशोवर्धन पाठक ने बताया कि यह पहला मामला है जब टैक्स चोरी करने वाली फर्म का मालिक को जेल भेजा गया है और साथ ही उसके द्वारा हड़पी गई धनराशि को भी रिकवर किया गया है। आरिफ से 7.82 में 7.69 करोड़ जब्त किए गए हैं। शेष रकम ब्याज की है। अभी तक होता था कि आरोप पकड़ा जाता था तो पूरी नहीं मिलती थी और रकम मिल जाती थी तो आरोपी नहीं पकड़ा जाता था। मुरादाबाद के मामले में दोनो एक साथ हुई हैं। उन्होंने बताया कि रिस्की एक्सपोर्टर में मेरठ के भी बीस व्यापारी हैं जिनके खिलाफ जांच चल रही है।