आर्य समाज मंदिर के स्थापना दिवस समारोह में भजनों ने किया मंत्र मुग्ध Meerut News
मेरठ में देश के दूसरे नंबर के सबसे पुराने आर्य समाज मंदिर का 143 वां स्थापना दिवस समारोह रविवार को मनाया गया। कार्यक्रम में घनश्याम प्रेमी ने आर्य समाज की शिक्षाओं पर आधारित भजन सुनाए। इस दौरान शारीरिक दूरी का भी पूरा तरह ध्यान रखा गया।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में आर्य समाज मंदिर बुढ़ाना गेट का 143 वां स्थापना दिवस समारोह शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए मनाया गया। शहर के विभिन्न भागों से आए आर्य समाज के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। मंदिर समिति के योगेश मुवार ने बताया कि बुढ़ाना गेट मंदिर की स्थापना 1878 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी।
सबसे पुराना आर्य समाज मंदिर
उन्होंने बताया कि इसके पहले मुंबई और लाहौर में समाज मंदिर की स्थापना की गई थी। लाहौर के पाकिस्तान में चले जाने के बाद देश का यह दूसरे नंबर का सबसे पुराना आर्य समाज मंदिर है। कार्यक्रम में घनश्याम प्रेमी ने आर्य समाज की शिक्षाओं पर आधारित भजन सुनाए। आचार्य वाचस्पति ने मनसा वाचा कर्मणा पर उद्बोधन दिया। उनकी पुत्री विशंभरा ने भजन सुना कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर मंदिर के प्रधान अशोक सुधाकर, अमित कांत, सुभाष कंसल आदि मौजूद रहे।