भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सीएम योगी से मांगी उड़ान की टोकन मनी Meerut News
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम योगी को पत्र भेजकर मेरठ में हवाई उड़ान के लिए एक रुपया या एक हजार की टोकन की मांग रखी है। प्रदेश सरकार का बजट 18 फरवरी को आना है।
मेरठ, जेएनएन। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर मेरठ में हवाई उड़ान के लिए एक रुपया या एक हजार रुपये टोकन की मांग की है। प्रदेश सरकार का 18 फरवरी को बजट आ रहा है, लेकिन जिला प्रशासन ने प्रस्ताव भेजने में देरी कर दी। ऐसे में बजट में इन दो तरह के टोकन का प्रावधान करके बाद में भी धनराशि आवंटित की जा सकती है।
डा. लक्ष्मीकांत का कहना है कि मेरठ को रीजनल कनेक्टिविटी योजना से जोड़ने की बात पार्टी के 2017 में लोक कल्याण संकल्प-पत्र में कही गई थी। उस दौरान मुख्यमंत्री ने रामलीला मैदान रैली में भी इसकी घोषणा की थी।
वाजपेयी बोले, 800 नहीं 492 करोड़ ही चाहिए
डा. वाजपेयी ने पत्र में उल्लेख किया है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भेजे गए मास्टर प्लान में प्रथम व द्वितीय फेज के अनुसार जमीन की खरीद होनी है। इस पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। डीएम ने दोनांे फेज की जमीन खरीद का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उन्होंने बताया कि हवाई उड़ान के लिए सिर्फ प्रथम फेज के लिए जरूरी जमीन 109.49 हेक्टेयर की खरीद के लिए 492 करोड़ रुपये की ही आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रथम फेज की जमीन पर 72 सीटर जहाज आसानी से उड़ सकेगा। इससे अधिक सीट के जहाज की आवश्यकता कई साल तक मेरठ को नहीं पड़ेगी। उन्होंने बताया कि योजना तो 20 सीटर विमान उड़ाने की भी थी, लेकिन उसके लिए कोई विमानन कंपनी नहीं मिली।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में डीएम पर भी उठाए सवाल
डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में डीएम पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि 17 दिसंबर 2019 को हुई बैठक में मुख्य रूप से कुशीनगर के हवाई अड्डे का प्रकरण था। उस बैठक के कार्यवृत्त में मेरठ का जिक्र अंत में था लेकिन डीएम ने उस कार्यवृत्त का संज्ञान लेकर मेरठ के तैयार हो चुके प्रस्ताव को रोकने का मन बना लिया था। यहां तक कि उस कार्यवृत्त के हिसाब से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से दोबारा मास्टर प्लान मांगने की तैयारी कर चुके थे। ऐसे में तो छह माह का समय और लग जाता।
डीएम अनिल ढींगरा ने कहा कि आकलन प्रस्ताव में तमाम बारीकियां होती हैं, इसलिए समय लग जाता है। मैंने पूरी गंभीरता के साथ विभागों को लगाकर प्रस्ताव बनवाया और उसे भिजवा दिया है। डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मेरे बारे में पत्र में क्या लिखा है यह तो पढ़कर ही कुछ कहा जा सकता है।