बुलंदशहर में कब काटा गया गोवंश बताएगी लैब, रिपोर्ट में देरी 'खेल' तो नहीं
बुलंदशहर में काटा गया गोवंश गाजियाबाद फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है। एसआइटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो सकेगी।
मेरठ (जेएनएन)। बुलंदशहर के चिंगरावठी में जिस गोवंश को लेकर बवाल हुआ है। वह कब काटा गया। यह पता करने के लिए गोवंश के अवशेष लैब में भेजे गए थे। चार दिसंबर को भेजे गए अवशेष की लैब से अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। जबकि बेहद संवेदनशील मामला है। अब सवाल खड़े होने लगे है कि जानबूझकर लैब अधिकारी रिपोर्ट भेजने में देरी कर रहे हैं। ताकि मामला दब जाए और पता ही न चल सके कि आखिर गोवंश कब काटा गया।
इसलिए जरूरी है लैब से आना गोवंश की रिपोर्ट
दरअसल, चार दिसंबर को जब लोगों ने खेत में गोवंश पड़ा होना देखा। बवाल हुआ। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और एक युवक सुमित की मौत हुई। इसके बाद एक अधिकारी ने बयान दिया था कि गोवंश उस दिन का नहीं पड़ा था। वह उसे कई दिन पहले काटा गया। ग्रामीणों ने उसे देख भी कई दिन पहले लिया था, लेकिन इज्तिमा से लौटने के वक्त ही बवाल किया गया। ताकि एक साजिश के तहत पश्चिम में ङ्क्षहसा कराई जा सकी। गाजियाबाद फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी कि आखिर गोवंश कितने दिन पुराना था।
खेत मालिक से भी हो चुकी पूछताछ
आइजी के नेतृत्व वाली एसआइटी की टीम ने उस खेत मालिक से भी पूछताछ कर ली है। जिसके खेत में गोवंश मिला था। हालांकि उसकी पूछताछ को अभी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि किसान ने अवशेष 48 घंटे पहले ही देख लिए थे, लेकिन उसने गांव में किसी को नहीं बताया था।
इंटेलीजेंस रिपोर्ट में बुलंदशहर के अफसर कठघरे में खड़े किए
इंटेलीजेंस के एडीजी एसबी शिरोड़कर ने अपनी रिपोर्ट प्रमुख सचिव गृह को सौंप दी है। उन्होंने रिपोर्ट में बुलंदशहर के अफसरों को कठघरे में खड़ा किया है। मसलन, घटनास्थल पर देरी से पहुंचना। प्रथम सूचना को हल्के में लेना। बाद में पहुंचे तो समझदारी से काम न लेना।
रिपोर्ट में यह दिए अहम बिंदु
- इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में घटना 9:30 बजे की है।
- पुलिस अधिकारी मौके पर 11:30 बजे तक पहुंचे।
- पुलिस ने अपनी लिखापढ़ी में घटना का समय 01:35 दिखाया।
- इंस्पेक्टर सुबोध और सुमित की हत्या एक ही पिस्टल से हुई।
इनका कहना--
गोवंश के अवशेष जांच के लिए फोरेंसिक लैब में भेजे गए थे। इनकी अभी रिपोर्ट आना बाकी है। रिपोर्ट मंगाने के लिए लैब को रिमाइंडर भिजवाया जाएगा। रिपोर्ट में कोई भी गड़बड़ नहीं कर सकता। वह बेहद गोपनीय रिपोर्ट होती है।
-प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन